
यूपी समाचार: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (इलाहाबाद उच्च न्यायालय) की लखनऊ (लखनऊ) पीठ ने गुरुवार को लखनऊ पुलिस (लखनऊ पुलिस) को उत्तर योगी आदित्यनाथ (योगी आदित्यनाथ) के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के मामले में अहम निर्देश दिए हैं। सीएम योगी द्वारा 2017 में हाई कोर्ट ने बॉलीवुड फिल्म निर्माता शिरीष कुंदर (शिरीष कुंदर) द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी के मामले में दर्ज की जांच मुम्मल करने के निर्देश दिए हैं।
जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस विवेक कुमार सिंह की याचिका पर एक गैर सरकारी संगठन के सचिव अमित तिवारी कुमार की याचिका पर यह आदेश पारित किया गया। पीठा ने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि विवेचना अधिकारी इस मामले की जांच का समापन फेयर तरीके से और कानून के प्रमाणन सख्ती से करेंगे और इस मामले से जुड़े सभी पक्ष जांच में पूरा सहयोग करेंगे।’ पीठा ने यह भी कहा, ‘यह कहने की जरूरत नहीं है कि अगर कोई भी पक्ष जांच में सहयोग नहीं करता है तो उसके खिलाफ विवेचना अधिकारी कानूनन दिशा-निर्देश कदम उठा सकते हैं। इस तरह यह याचिका निस्तारित की जाती है।’
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क्या था मामला?
अमित कुमार तिवारी ने 23 मार्च, 2017 को हजरतगंज थाने में दर्ज दोष में आरोप लगाया था कि फिल्म निर्माता शिरीष कुंदर ने पेज योगी आदित्यनाथ की तुलना माफिया डॉन जिम्मेदार इहिम से है। साथ ही उन्होंने एसबीआई और भारतीय रिजर्व बैंक की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई है। तिवारी ने यह याचिका दायर कर कहा था कि लंबा समय गुजर जाने के बावजूद इस मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
समाचार रीलों
अपर शासकीय वकील शिवनाथ तिवारी ने इस पर याचिका दी थी कि विवेचना अधिकारी इस मामले की जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कर रहे हैं और उम्मीद है कि सभी का सहयोग मिलने पर वह जांच जल्द से जल्द पूरी कर लेंगे। हालांकि शिरीष कुंदर ने ** योगी आदित्यनाथ के प्रति वे आपत्तिजनक ट्वीट डिलीट करके बिना शर्त जोक मांगे ली थी।



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