उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ने से मालमों से बचने के लिए अब बिल्कुल सीक्वेंसिंग की जाएगी। जीनोम सिक्वेंसिंग ग्रॉसिफिकेशंस को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के लिए की जाने वाली सिक्वेंसिंग के अधिकारियों को केजीएमयू भेजा जाएगा।
उत्तर प्रदेश के कुछ गोपनीय खातों में COVID-19 के मामलों में खाताधारकों को देखा जा रहा है। इस कारण को देखते हुए अब राज्य सरकार ने सिक्वेंसिंग के संबंध में निश्चित रूप से निर्देश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकार के अनुसार सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में हो रही आंशिक वृद्धि के मद्देनजर ये फैसला किया है कि अग्रिम मोर्चों यानी सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स को सतर्क रहना होगा।
इसके तहत सभी कर्मचारियों और निजी एवं सरकारी दायित्वों को सतर्क रहने और सभी सुनिश्चित अनुक्रमों को जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। यह स्पष्ट है कि योगी सरकार ने भी कोरोना को लेकर फिर से समझौते की शुरुआत कर दी है। इसी सोच के मद्देनजर डीजी स्वास्थ्य ने कोरोना को लेकर नया निर्देश जारी किया है।
सराकर ने निर्देश दिया है कि जिन किसी भी शेयरिंग कोरोना वायरस संक्रमण के मामले को देखने के लिए उन पर कार्रवाई की जाएगी। राज्य के सभी संचित को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है। अतिसंवेदनशील रसद, औषधि, स्पेक्टई किट, चश्मा, चश्मा, आक्सीजन प्लांट आदि की सूक्ष्म दृष्टि करने के लिए प्रशासन को निर्देश जारी किया गया है। सरकार ने बच्चों और चट्टानों को विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक 28 मार्च को राज्य में कर्जदारों की संख्या 340 थी। ऐसी सरकार ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत सीधे तौर पर व्यक्तियों की संपत्तियों को प्रत्यक्ष सीक्वेंसिंग के लिए लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी भेजा जाएगा। प्रवक्ता के मुताबिक, “28 मार्च तक जो जिले कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, उनमें गौतमबुद्धनगर (57), गाजियाबाद (55), लखीमपुर खीरी (44), लखनऊ (27), बिजनौर (12), ललितपुर (नौ) शामिल हैं. और सहारनपुर (आठ) शामिल हैं। इन अतिसंवेदनशील स्थिति पर नजर रखने और जांच बढ़ाने के लिए कहा गया है।” प्रवक्ता के अनुसार, कोविड-19 की पिछली लहरों में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए खाते में भी विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ, दुर्ग, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी ऐसी जिले हैं, जिन्हें अति संवेदनशील माना जाता है। पुरोहित ने बताया कि ग्रेटर में रेस्पिरेटरी ट्रेक्टर इंफेक्शन (आरटीआई), इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (जिम्मेदारी) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) के मामलों की सघन निगरानी के भी निर्देश दिए गए हैं। पुरोहित के अनुसार सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) से जुड़े मामलों में कोविड जांच की रिपोर्ट निगेटिव आने पर इसकी वजह से संबंधित इंफ्लूएंजा संबंधी जांच को कहा गया है।