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अलाया एफ इंटरव्यू: मेरी मां बार स्क्रीन पर देखकर रो रही हैं, वो बार-बार ओटीटी पर मेरी फिल्में देखी जाती हैं

फिल्मी फैमिली सेवर अलाया एफ ने साल 2020 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। अलाया के करियर की चौथी फिल्म जल्द ही सीधे ओटीटी पर रिलीज हुई है। हमसे खास बातचीत में अलाया ने कहा कि वह अपनी मेहनत के दम पर पहचान बनाना चाहते हैं, ताकि उन्हें नेपो किड का ताना ना प्राप्त हो सके।आप फिल्मी आमंत्रण से आते हैं। आपको भी नेपोटिज्म के जेसे का सामना करना पड़ेगा? इन चीजों से कैसे डील करते हैं आप?
करियर की शुरुआत में मैं इन सब सवालों के जवाब दे चुका हूं। अभी मुझे अच्छा काम करना है और दर्शकों को दिखाना है कि मैं जो भी करता हूं बहुत मेहनत से करता हूं। मुझे उम्मीद है कि मेरी वर्किंग सॉन्ग और पसंद आए। जैसे अभी कोई आलिया भट्ट या रणबीर कपूर को देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि वे नेपोटिज्म की वजह से सफल हैं। वे इसलिए काम कर रहे हैं, क्योंकि वे बहुत प्रतिभाशाली हैं और बहुत मेहनत करते हैं। मैं चाहता हूं कि एक दिन लोग मेरे बारे में भी ऐसा ही बोलें। मैं मेहनत के साथ काम करने में विश्वास करता हूं।

आपके लिए किसी फिल्म को समझ का क्या पैमाना होता है। क्या आप इसमें परिवार की मदद करते हैं?
मैं और मेरी टीम किसी भी फिल्म को लेकर कई जजमेंट लेती है। मैंने अपने परिवार को कभी इन चीजों में शामिल नहीं किया है। यहां तक ​​कि मेरी फैमिली में से आज तक मेरे सेट पर कोई भी नहीं आया। मैं अपनी जजमेंट अपनी टीम के साथ मिलकर खुद रखता हूं। मैं बचपन से ही काफी स्वतंत्र हूं। मेरे परिवार को कभी-कभी बुरा भी लगता है कि मुझे उनकी जरूरत नहीं होती। वे भी चाहते हैं कि मैं उन्हें महसूस करूं कि मुझे उनकी जरूरत है। हमारे परिवार में मैं लेकर यह आम जोक भी है। आम तौर पर मुझे एक घंटे में स्क्रिप्ट पढ़कर पता चलता है कि मुझे ये फिल्म करनी है या नहीं करनी है। मैं अपने दिल की बहुत सुनती हूं। अगर मुझे स्टोरी पसंद आती है और यकीन हो जाता है कि मैं इसे अच्छा से परफॉर्म कर पाऊंगी, तो सब कुछ अच्छा ही होता है। मुझे स्क्रिप्ट पर पूरा यकीन है।

हर पैरेंट्स की इच्छा होती है कि उनका बच्चा कुछ अच्छा करे। आपको लगातार फिल्में मिल रही हैं। आपके पैरों को कैसा लगता है?
मेरी फिल्में देखकर मेरे पैरेंट्स बहुत ही उत्साहित हो रहे हैं। खासकर मेरी माँ हर बार मुझे स्क्रीन पर देखकर रोने लगती हैं। वह काफी इमोशनल हो जाते हैं। उन्होंने मेरी फिल्मों को इतनी बार देखा है जितना किसी ने अभी तक नहीं देखा होगा। वह बार-बार सिनेमा में जाती है, वह बार-बार घर पर मेरी ओटीटी फिल्मों की स्क्रीनिंग करती है। बेशक, वह मेरे सबसे बड़े समर्थक हैं। मेरे परिवार में मुझे पर बहुत गर्व है। मैंने जब फैसला लिया था कि मेरे करियर में मुझे उनकी कोई सलाह या दखलअंदाजी नहीं चाहिए, तो सबका मतलब यह था कि मुझ पर यकीन नहीं था, लेकिन जब उन्होंने देखा कि मेरी फिल्मों ने अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं आलोचकों और दर्शकों की तरफ से मेरे काम का भी निर्धारण हो रहा है, तो उन्हें लग रहा है कि सब अच्छा ही चल रहा है।

आपके पैरों में अलग-अलग कल्चर आ जाते हैं। यह कितना अच्छा अनुभव होता है, जब आपको अलग-अलग तरह के कल्चर के बीच पलने-बढ़ने का मौका मिलता है?
मेरे परिवार में सिर्फ मेरे माता-पिता ही नहीं बल्कि और कई लोग अलग-अलग कल्चर से आते हैं। मेरे पैरेंट्स के माता-पिता भी अलग-अलग कल्चर से थे और उनके पैर भी अलग-अलग कल्चर से थे। इसलिए मेरे परिवार में कई संस्कृतियां एक साथ हैं। मेरे लिए ऐसे माहौल में रहना बहुत ही खास रहा, क्योंकि हम हर त्योहार को मनाते थे। हर महीने हमारे घर में कोई ना कोई सेलिब्रेशन होता था। मैंने अपनी अब तक की लाइफ में यही सब देखा, जो कि काफी फनी था।

आप अभी तक सिर्फ चार फिल्में की हैं, लेकिन वे चारों तरह की थीं। अपने अब तक के सफर के बारे में बताएं?
मेरी डेब्यू फिल्म 2020 में ‘जवानी जानेमन’ से हुई थी। कोविड के चलते मेरी पहली और दूसरी फिल्म के बीच 2 साल 11 महीने का गैप है। मेरी फिल्म ‘फ्रेडी’ जब रिलीज हो रही थी, तब लग रहा था जैसे दोबारा मेरी शुरुआत हो रही है। तब से अब तक 6 महीने में मेरी 3 फिल्में रिलीज हो चुकी हैं। ‘यू टर्न’ मेरी चौथी फिल्म है। इसे लेकर मैं बहुत उत्साहित हूं। अब मुझे लग रहा है कि मेरा करियर आखिरकार शुरू हो गया है। मैं हमेशा चाहता था कि मैं नॉन स्टॉप काम करूं, ताकि एक के बाद मेरी एक फिल्म रिलीज हो और ऐसा अब हो रहा है। इस बीच मेरा थोड़ा सा सफर रुक गया था, क्योंकि महामारी की वजह से लंबा रास्ता टूट गया था, लेकिन अब मैं वापसी कर रहा हूं।

आपकी फिल्म एक सुपरनैचुरल थ्रिल में बदल गई है। क्या आपने वास्तविक जीवन में कोई सुपरनैचुरल एक्टिविटी महसूस की है?
हां मैंने तो बहुत बार महसूस किया है। मैं भूतों में बहुत यकीन करता हूं। मेरी जिंदगी में बहुत सारी छोटी-छोटी घटनाएं हुई हैं, जहां मुझे लगा कि यहां शायद कुछ सुपरनैचुरल है। हमारी शूटिंग के दौरान भी ऐसा हुआ। हम अपनी फिल्म का क्लाइमैक्स एक ऐसे खाली पड़े मेडिकल कॉलेज में शूट कर रहे थे, जहां 36 साल से कोई नहीं गया था। एकदम सटीक जगह थी और हम रात में गोली मार रहे थे। वहां की एनर्जी भी बहुत अलग थी। उस अजीब को देखकर ऐसा लग रहा था कि पता नहीं वहां भूत होने वाले हैं। वहां शूटिंग करके हम सभी ने एक अलग फीलिंग महसूस की। सेट पर बहुत सारी अजीब-अजीब चीजें हो रही थीं। लेकिन यह वास्तविक अनुभव था और हम पूरी तरह सुरक्षित हैं।

थिएटर खुले हैं, लेकिन आपकी फिल्म फिर भी सीधे ओट्टी पर आई हूं। इस बारे में क्या कहेंगे?
अभी मेरी दो फिल्में थिएटर पर हैं और दो ओटीटी पर आई हैं। मेरे लिए दोनों अनुभव बहुत ही खास रहे हैं। मैं बहुत ज्यादा ओटीटी सामग्री रखता हूं। मैं थिएटर भी बहुत पसंद करता हूं। तो मेरे लिए दोनों ही प्लेटफॉर्म काफी अच्छे हैं। दोनों आप नए दर्शकों तक पहुंचाते हैं। हालांकि आप मेरी दूसरी सड़कों पर मुड़ते हैं, बहुत अधिक स्तर की है। इसके अलावा मेरी कई फिल्में पाइपलाइन में हैं। मेरी बायॉपिक फिल्म ‘श्री’ सितंबर में रिलीज होगी। इसमें मेरे साथ राजकुमार राव हैं, जो बहुत ही टैलेंटेड एक्टर हैं। यह एक बहुत अच्छी कहानी है, जिसका मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।

 


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