
सेल्फी बॉक्स ऑफिस कलेक्शन दिन 4: बॉक्स ऑफिस के लिए यह हफ्ता बहुत ही सुखद है। ‘बॉक्स ऑफिस इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की ‘सेल्फी’ ने चार दिनों में 11.35 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है। फिल्म डिजास्टर साबित हो चुकी है, क्योंकि अब कोई चमत्कार ही इसे बचा सकता है। खास तब, जब ‘सेल्फी’ का बजट 150 करोड़ रुपये है। मलयालम फिल्म का ‘ड्राइविंग लाइसेंस’ के इस रीमेक को दर्शकों ने बुरी तरह खारिज कर दिया है। सिनेमाघरों में ऑडियन ऑक्यूपेंसी 5-7% है। यह अक्षय कुमार की न सिर्फ लगातार 5वीं फ्लॉप फिल्म है, बल्की उनके करियर की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्म भी साबित हुई है।
सेल्फी बॉक्स ऑफिस कलेक्शन दिन वार:
पहले दिन, शुक्रवार- 2.60 करोड़ रुपये
दूसरा दिन, शनिवार- 3.75 करोड़ रुपए
तीसरा दिन, रविवार- 3.85 करोड़ रुपये
चौथा दिन, सोमवार- 1.15 करोड़ रुपये
कुल संग्रह- 11.35 करोड़ रुपये
‘सेल्फी’ के लिए यह एक ऐसा क्षेत्र है जो निश्चित रूप से जगी है कि यह किसी तरह लाइफटाइम 20 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच जाएगा। ऐसा इसलिए कि इस हफ्ते कोई भी बड़ी फिल्म रिलीज नहीं हो रही है। ऐसे में बॉक्स ऑफिस पर ‘सेल्फी’ को एक महीने पुराना ‘पठान’ और ‘शहजादा’ को ही टक्कर में रखा जाता है। वैसे, शाहरुख खान की ‘पठान’ रिलीज के 34वें दिन सोमवार को पहली बार करोड़ से गिरकर मिलियन में पहुंचती है। सोमवार को ‘पठान’ ने देश में हिंदी वर्जन से 80 लाख रुपये की कमाई की है। ऐसी लंबी रेस के बाद अब थक कर ‘पठान’ के आगे ‘सेल्फी’ को कुछ सिक्के बटोरने का मौका जरूर मिल सकता है।
‘शहजादा’ से अब कोई दूरी नहीं बची है
दूसरी ओर, ‘शहजादा’ का हाल इतना बुरा है कि वह 34 दिन बाद ‘पठान’ की हो रही कमाई का आधा भी नहीं कमा पा रही है। sacnilk की रिपोर्ट के मुताबिक, रोहित के निर्देशन में बनी ‘शहजादा’ ने सोमवार को 31 लाख रुपये कमाए हैं। इस तरह 11 दिनों में फिल्म का टोटल नेट कलेक्शन अब 28.87 करोड़ रुपये है। ‘शहजादा’ का बजट 85 करोड़ रुपये है और अब इस फिल्म की हालत इतनी खराब है कि इससे कोई भी दर्शक अनुमान लगाना बेमानी होगा।
शहजादा बॉक्स ऑफिस कलेक्शन दिन वार:
पहला हफ्ता- 26.50 करोड़ रुपये
8वां दिन, शुक्रवार- 45 लाख रुपये
9वां दिन, शनिवार – 70 लाख रुपये
10वां दिन, रविवार – 91 लाख रुपये
11वां दिन, सोमवार- 31 लाख रुपये
कुल कमाई – 28.87 करोड़ रुपये
बॉलीवुड और साउथ के फिल्ममेकर्स को लेनी सीखनी चाहिए
‘पठान’ की बंपर सक्सेस के बाद ‘सेल्फी’ और ‘शहजादा’ कर दीजास्टर साबित होना फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक नई सीख जरूर है। शाहरुख की ‘पठान’ और उससे पहले रणबीर कपूर की ‘ब्रह्मास्त्र’ ने यह बताया है कि अगर फिल्म में देखने के लिए कुछ नया और ऑरिजनल हो, कॉन्टेंट में दम हो, इंटरटेनिंग हो तो दर्शक सिनेमाघर जरूर पहुंचेंगे। विशेष दुर्घटना के बाद ऐसा लगने लगा कि दर्शक थिएटर जाना ही नहीं चाहते। एक के बाद एक फ्लॉप फिल्मों की लंबी लाइन लग गई। हिंदी से लेकर साउथ तक की फिल्में यही हो रही हैं। लेकिन अब इतना स्पष्ट है कि दर्शकों को सिर्फ पर्दे पर स्मारिका नहीं चाहिए, सिनेमा में मनोरंजन और सामग्री के साथ भी दमदार होना चाहिए। चिरंजीवी की ‘आचार्य’ हो या ‘गॉडफादर’, किच्चा सुदीप की ‘विक्रांत रोना’ या फिर थलपति विजय की ‘बिस्ट’, ये फिल्में स्टार पावर के बावजूद फ्लॉप हुई। बड़े ऑडियंस का कॉन्सेप्ट क्लीयर है कि उन्हें क्या जाना चाहिए, अब यह फिल्म प्रचार पर है कि वह साइट में क्या परोसते हैं।



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