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अखिलेश यादव को आखिरकार मिला न्यौता कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा रूट का शुक्रिया, राहुल गांधी शामिल हों या नहीं, इस पर सस्पेंस बरकरार

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यूपी में भारत जोड़ो यात्रा: राहुल गांधी की सगाई में निकल रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा एक अल्‍पविराम के बाद कल यानी तीन जनवरी को उत्‍तर प्रदेश से फिर शुरू हो रही है। इस यात्रा का निमंत्रण एसपीए के रास ल.अध्यक्ष अखिलेश यादव को मिलने या न मिलने को लेकर पिछले कई दिनों से कहा जा रहा था। सोमवार को एक ट्वीट के जरिए अखिलेश यादव ने खुद ही इन भ्रमों पर विराम लगा दिया है। उन्‍होंने एक तरह से न्‍योता मिलने की पुष्टि करते हुए राहुल गांधी को इसके लिए धन्‍यवाद दिया है। साथ ही उन्नीसवीं यात्रा के लिए चुनौतियां भी दी गई हैं, लेकिन इसमें शामिल सभी दौरे शामिल हैं या इस पर निलंबन अभी भी बरकरार है।

अखिलेश यादव ने सोमवार की दोपहर 12:5 बजे अपने आफिशियल ट्विटर हैंडल से समाजवादी पार्टी के पादरी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए एक चिट्ठी पोस्ट लिखी। इस चिट्ठी में उन्‍होंने लिखा है- ‘प्रिय राहुल जी, ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में निमंत्रण के लिए धन्‍यवाद और ‘भारत जोड़ो’ की सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं। भारत भौगोलिक विस्तार से अधिक एक भाव है, जिसमें प्रेम, अहिंसा, करुणा, सहयोग और सौहार्द ही वो सकारात्मक तत्‍व हैं, जो भारत को दृष्टिकोण हैं। आशा है कि ये यात्रा हमारे देश की इसी समावेशी संस्‍कृति के संरक्षण के उद्देश्‍य से आपके लक्ष्‍य को प्राप्‍त करेगी। आपका अखिलेश।’

बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने जब अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी सहित तमाम विपक्षी नेताओं को यात्रा का न्योता भेजा का दावा किया था तो अखिलेश यादव ने इस दावे का खंडन कर दिया था। अखिलेश ने कहा था कि उन्हों नो नियोता नहीं मिला है। यही नहीं उन्नीस कांग्रेस और बीजेपी की एक जैसी पार्टी ने दोनों पर हमला भी किया था। हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा था कि वह यात्रा की भावना के साथ हैं। अखिलेश को अब जब न्‍यो‍ता मिल गया है और उन्‍होंने राहुल गांधी को इसके लिए धन्‍यवाद भी दे दिया है तो अब देखने वाली बात है कि वह इस यात्रा में शामिल होते हैं या नहीं।

क्यों कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रहे हैं अखिलेश
अखिलेश ने जब भारत जोड़ने की यात्रा का न्योता न मिलने का हवाला देते हुए कांग्रेस पर हमला बोला था तो लोग सर्कल लगे थे कि 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर दो लड़कों की जोड़ी बनाने वाले अखिलेश ने अचानक से राहुल से इतनी दूरी बना ली क्यों बना ली है? वो भी तब जब देश में 2024 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ विपक्षी लामबंदी और मोर्चाबंदी की बातें हो रही हैं। अब जब उन्‍होंने कांग्रेस के न्योते के लिए राहुल को धन्‍यवाद दिया है तो भी यह सवाल कायम है। सपा की राजनीति को बारीकी से समझने वाले जानकारियों का कहना है कि सपा अभी कांग्रेस से दूर रहने में ही अपनी धारणाएं रखती है। इसी वजह से इस यात्रा में साथ नहीं आना चाहते। कांग्रेस से दूर रहने की वजह शायद यह भी है यूपी में कांग्रेस का संगठन बेहद कमजोर है और स्पा को 2017 के अनुभव से इतना साफ हो गया है कि बस साइकिल और सदस्यता के साथ आने से कोई खास चुनावी लाभ नहीं मिलेगा। समझौते कांग्रेस के साथ दिखलाना सभी के लिए कोई नया संदेश नहीं देना चाहते।

शायद ही किसी को इस बात की भी आशंका है कि बीजेपी को एक बार फिर से घेराबंदी का मौका मिल जाएगा। बता दें कि पिछले चुनावों में बीजेपी स्पा, बसपा और कांग्रेस तीनों में एक जैसी पार्टी और एक-दूसरे के साथ बयान तंज कसते रहे हैं। इसका खमियाजा भी सपा को उठाना पड़ा था इसलिए अब अखिलेश फुंक-फूंक कर कदम रखें।

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