फेसबुक के दिनों में हर लड़की का ये ख्वाब होता है कि वह बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्रियों को टक्कर दे सकती है। कुछ ऐश्वर्या राय को अपना रोल मॉडल मानते हैं, तो कोई सुष्मिता सेन को और इसके साथ खूबसूरती का ताज अगर मिल जाता है, तो बॉलीवुड का रास्ता और आसान हो जाता है। लेकिन मिलने के बाद भी अगर आप भाई बनते हैं तो क्या कहेंगे? आप सोच रहे होंगे कि वास्तव में ऐसा कौन है? आप अब तक किसी की पहचान के लिए नहीं हैं तो हम आपको विवरण देते हैं, ये वो नाम है, जो 1994 में मिस इंडिया की प्रतियोगिता विनर सुष्मिता सेन और ऐश्वर्या राय के साथ फाइनलिस्ट थी। फिल्मों में भी आए, लेकिन सब कुछ छोड़ कर बौद्ध भाई बन गए।
खूबसूरती के मामले में किसी से कम नहीं, बॉलीवुड में एंट्री हुई तो जुड़ाव लीड एक्ट्रेस ने भी काम किया लेकिन वो सब कुछ मिलने के बाद भी इस चाकाचौंध की नगरी छोड़ बौद्ध भिक्षु बन गईं। आप ग्यालतेन समतेन को शायद ही जानते होंगे, लेकिन कल के बरखा मदान को आज ग्यालतेन समतेन के नाम से ही जाना जाता है।
बरखा मदान की सिर्फ 1 फिल्म हुई सुपरहिट
बरखा मदान नाम आपने जरूर सुना होगा। अक्षय कुमार की फिल्म ‘खिलाड़ियों के खिलाड़ी’ आपको याद है? इसी फिल्म से बरखा ने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था। अपनी पहली फिल्म में शानदार अदाकारी दिखाकर उन्होंने दर्शकों के दिल में जगह बनाई। 1996 की सुपर डुपर हिट फिल्म ‘खिलाड़ियों के खिलाड़ी’ के बाद बरखा को कई बड़े रोल मिले लेकिन एक-एक करके उन्होंने गलती कर दी।
छोटे पर्दे पर भी काम किया
प्रिया गिल जैसी अभिनेत्रियों ने हिंदी सहित दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। लेकिन बरखा यहां भी पीछे रह गईं। ‘खिलाड़ियों के खिलाड़ी’ के बाद उन्होंने एक पंजाबी फिल्म तेरा मेरे प्यार में काम किया, लेकिन वो भी फ्लॉप हो गए और उन्हें छोटे-छोटे पर्दे की तरफ रुख कर दिया। ‘न्याय’ और ‘1857 क्रांति’ जैसे बड़े धारावाहिकों में नज़र आने लगी है।
मिस इंडिया प्रतियोगिता जब पूछा गया था सवाल
बरखा को ऐसा लगता है कि उन्होंने थान रखा था कि वह ज्ञापनों की अधिकारिता। मीडिया रिपोर्ट्स की तो मिस इंडिया प्रतियोगिता के दौरान जब उनसे सवाल किया गया कि अगर वो गलत इंडिया बना रहे हैं, तो क्या अधिकार है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह ट्रेनमंदिर बच्चों की मदद और सेवा चाहते हैं। ये काम वो तब भी करती थी।
‘भूत’ की स्थिति वह रात में चमकती है
मिस इंडिया तो बरखा नहीं बन सकीं, लेकिन अपने आप को सोशल वर्क की तरफ इशारा कर चुकी थीं। लेकिन वहां भी पैर जमाने में उन्हें सालों लग गए और उन पर फ्लॉप एक्टर का धब्बा लग गया। लेकिन फिर रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘भूत की झलक’ में रातोंरात उनकी झलक दिखी, जिसमें उन्होंने भूत की भूमिका निभाई थी।
प्रोडक्शन हाउस हाउसकर बनाए गए थे दो फिल्में
‘भूत’ फिल्म के बाद उन्होंने खुद का प्रोडक्शन हाउस खोला और दो फिल्में भी बनाईं। दूसरी फिल्म का निर्माण उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। इस फिल्म के बाद उन्होंने भिक्षु बनने का फैसला लिया। ऐसा नहीं था कि उनके पास आर्थिक तंगी थी, करियर में रुकावट या प्यार में टूट गया था।
दलाई लामा से मिलने के बाद भाईक्षु बनने की ठानी
वर्ष 2002 में उनकी मुलाकात दलाई लामा से हुई थी, उनके देखने के बाद उनके मन में भी बौद्ध भिक्षु बनने की लालसा जाग्रित होने लगी। ये बात उन्होंने लामा को भी बताई, फिर उन्होंने पूछा, क्या किसी से बात हो गई है? मठ में रहने का मतलब समझती हो? तब एक्ट्रेस ने उन्हें ये यकीन दिलाना था कि वो सच में भिक्षु बनना चाहती हैं।
जजमेंट में घर का मिला हुआ होना और राह आसान हो गया
2012 में भिक्षु बनने की बात उन्होंने अपने घर में भी की। सौभाग्य था कि घर वालों ने भी उनका साथ दिया और किसी ने नहीं रोका। काठमांडू स्थित बौद्ध मठ पहुंचें, तो वहीं फिर उनसे पूछताछ की गई। तब उन्होंने जवाब दिया, सब कुछ चल रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि पीछे छूट रहा है। भिक्षु बनने के बरखा ने वहीं किया जो वो हमेशा से करना चाहते थे।
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पहले प्रकाशित : 16 मार्च, 2023, 12:55 IST