
दिल्ली हवाई अड्डा: दिली के इंस्पिरेशन गांधी अंतरर्राष्यम एयरपोर्ट पर स्थित सुरक्षा वारंटों के लिए प्रीति की लंदन यात्रा एक ‘अनसुलझी पहेली’ बन गई है। इस पहेली को व्यवस्थित करने में यूसीएफ और सीएफबी को भी कोई मदद नहीं मिल सकती है। वहीं, गुरप्रीत की चुप्पी ने केंद्रीय सुरक्षा कवच की परेशानी बढ़ा दी है।
दरअसल, 14 जनवरी को लंदन की सिक्योरिटी एजेंसीज ने गुरप्रीत को भारत के लिए डिपोर्ट कर दिया था। गुरप्रीत को एयर इंडिया का फ्लाइट चार्ट-162 से दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट भेजा गया था। गुर को प्रीतम जिस रजिस्टर को लंदन से डिपोर्ट किया गया था, उसमें उसके नाम के अलावा उससे संबंधित कोई भी जानकारी दर्ज नहीं की गई थी।
इंटेलीजेंस ब्यूरो (जिम्मेदार) के तहत आने वाले आप्रवासन विभाग की पूछताछ में गुरप्रीत ने अपने पासपोर्ट और लंदन डिपार्चर से संबंधित कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद, आप्रवासन अधिकारियों ने पंच के नाम, उनके पिता के नाम और जन्म तिथि के आधार पर जानकारी हासिल करना चाही, लेकिन एयरपोर्ट सर से कुछ नहीं मिला।
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वास्तव में, प्रवासन अधिकारियों ने पहले यूसीएफ (यूनिक केस फाइल) और फिर सीएफबी (सेंट्रल फारनर्स ब्यूरो) के सर्वर को खंगाला, लेकिन परिणाम सिफर ही रहे। अब सुरक्षा अधिकारियों के पास यह पूर्ववर्ती के अलावा किसी भी विकल्प को संरक्षित नहीं किया गया था कि गुरप्रीत अन्य व्यक्ति के पासपोर्ट पर लंदन गया था और वहां पहुंचने के बाद उसने अपने सही मालिक को पासपोर्ट सौंप दिया।
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अभी, आप्रवासन अधिकारियों ने गुरप्रीत को आईजीआई हवाईअड्डे के बारे में जानकारी दी है। एयरपोर्ट पुलिस ने घटना पर गुरप्रीत के खिलाफ आईपीसी की धारा 419 और 420 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है।
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पहले प्रकाशित : 19 जनवरी, 2023, 18:12 IST



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