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ताइवान की बैठक के बाद चीन ने अमेरिका पर कई प्रतिबंध लगाए और अमेरिका-ताइवान के प्रेसिडेंट की अमेरिकी वक्ता से मुलाकात पर भड़का चीन, अमेरिका पर लगाए ये बड़े प्रतिबंध

छवि स्रोत: फ़ाइल
ताइवान के राष्ट्रपति के अमेरिकी स्पीकर से मिलने पर भड़का चीन, अमेरिका ने लगाए ये बड़े प्रतिबंध

चीन-अमेरिका-ताइवान: ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग वेन की अमेरिका यात्रा पर चीन भड़क गया है। पहले तो चीन ने निष्कर्ष निकालने की धमकी दी थी। इसके बाद चीन ने अमेरिका पर कई प्रतिबंध लगा दिए। इससे पहले अमेरिका ने ताइवान को भी चेतावनी दी थी कि वह अमेरिका यात्रा पर बैठक करेगा, तो इसके परिणाम होंगे। चीन ने अपने तीन युद्धपोत भी ताइवान के आसपास स्थित कर दिए हैं। हालांकि अमेरिकी युद्धक भी यहां डटे हैं। दरअसल, चीन को इस बात की काली मिर्च लगी कि वन चाइना पॉलिसी के तहत चीन नहीं चाहता कि ताइवान के साथ कोई देश संबंध बनाए रखे और उसे देश का स्तर दे। लेकिन अमेरिका ताइवान को तवज्जो देता है और अमेरिकी भरोसे पर ही ताइवान के राष्ट्रपति अमेरिका की यात्रा पर हैं।

इसी बीच अमेरिकी संसद के स्पीकर और ताइवान के राष्ट्रपति के बीच इस सप्ताह हुई अहम बैठक के विरोध में चीन अमेरिका के रोनाल्ड रीगन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी और अन्य अमेरिकी एवं एशिया संगठनों पर आधारित प्रतिबंध लगा रहा है। रीगन लाइब्रेरी दुर्लभ उच्च स्तरीय बैठक का स्थान है। रिपब्लिकन पार्टी के प्रतिनिधि सभा के स्पीकर केविन मैक्कार्थी ने इस सप्ताह ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग वेन के साथ बातचीत को लेकर यहां द्विदलीय बैठक की मेजबानी की थी।

अमेरिका-चीन संबंध सबसे बुरे दौर में

यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका चीन संबंध ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है तथा ताइवान और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। चीन अन्य देशों की चिपचिपाहट और ताइवान के बीच किसी भी आधिकारिक बातचीत को ताइपे के वैश्विक ओवरलैप को ऊपर उठाने के प्रयास के रूप में देखता है, इसलिए वह ताइवान को इस तरह के प्रयासों पर अपनी संप्रभुता का उल्लंघन करता है।

चीन ने अमेरिका के साथ बातचीत को लेकर ताइपे ‘ताइवान’ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी। चीन के मामलों में ताइवान के कार्यालय ने जुपिटरवार को एक बयान में कहा था ‘हम ताइवान की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाली आकांक्षावादी ताकतों और उनके कार्यों को साकार करने के लिए दृष्‍टिकोण उठाएंगे और अपने देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करेंगे।’

चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता झू फ़ैंग्लियन ने कहा कि इसके अलावा एशिया में स्थित ‘प्रॉस्पेक्ट फ़ाउंडेशन’ और ‘काउंसिल ऑफ़ एशियन लिबरल्स एंड डेमोक्रेट्स’ दोनों ही वास्तविक और सूक्ष्म अनुसंधान प्रदान करते हैं और ताइवान की स्वतंत्रता को बढ़ावा देते हैं। आरोप में प्रतिबंधित है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि हडसन इंस्टीट्यूट थिंक टैंक और रीगन लाइब्रेरी को ‘ताइवान सक्रियतावादी गतिविधियों को एक मंच और सहायता प्रदान करने’ के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। एनजीओ के साथ नेतृत्व की भूमिका निभाने वाले चार लोग हडसन संस्थान के निदेशक मंडल के अध्यक्ष सारा मे स्टर्न, हडसन संस्थान के निदेशक जॉन पी वाल्टर्स, रीगन फाउंडेशन के पूर्व कार्यकारी निदेशक जॉन हेबुश, रीगन फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जोआन एम, ड्रेक को भी नामित किया गया है। चीन ने कहा कि यहां उससे संबंधित किसी भी संपत्ति या वित्तीय संपत्ति को ज़ब्त कर लिया जाएगा।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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