लेटेस्ट न्यूज़

विगत दिनों गुड फैक्ट्री में मजदूर की मौत के बाद कलेक्टर ने जारी किया फरमान, तहसीलदारों को कहा सभी संचालित गुड़ फैक्ट्रियों की जानकारी 3 दिन में लाओ !

कवर्धा कलेक्टर ने तहसीलदारों को उनके क्षेत्र में संचालित गुड़ फैक्ट्रियों की सर्वें कर 15 बिन्दुओं की जानकारी 3 तीनों के भीतर प्रस्तुत करने के लिए फरमान जारी किया है ज्ञात हो के विगत दिनों जिले में संचालित एक गुड़ फैक्ट्री में मजदूर की मौके पर मौत हो गई थी उक्त घटना क्रम के बाद अब जिला प्रशासन सख्त नजर आ रहा है ।

लेकिन जिले में संचालित लगभग 400 गुड़ फैक्ट्रियों की जानकारी और दिशा निर्देश देने का काम आखिर 3 दिन में होगा कैसे इस पर बड़ा सवाल है ?

खैर गुड़ फैक्ट्रियों में होने वाली घटना तथा सुरक्षा के मानकों के लिए प्रशासन अलर्ट मोड में है ।

जिले मे संचालित गु़ड़ फैक्ट्रियों में होने वाली घटना और सुरक्षा मानकों के अनुरूप संचालन कराने के लिए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। कलेक्टर  जनमेजय महोबे ने इस संबंध में गुड़ फैक्ट्रियों का सर्वें कराने के लिए राजस्व अधिकारी तहसीलदारों को निर्देशित किया है।

कलेक्टर ने तहसीलदार एवं नायाब तहसीलदार को उनके प्रभार क्षेत्र में संचालित गुड फैक्ट्रियों का सर्वे कर 15 बिन्दुओं में जानकारी निर्धारित फार्मेट में तीन दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के सख्त निर्देश दिए है। कलेक्टर ने सर्वे रिपोर्ट की जानकारी इकजाई कर हार्ड एवं साफ्ट कापी को आगामी 27 फरवरी को आयोजित होने वाली समय सीमा की बैठक में साथ लाने के निर्देश दिए है।

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर ने पिछले समय सीमा की बैठक में गुड़ फैक्ट्रियों के संचालन एवं सुरक्षा मानको सहित अलग-अलग बिन्दुओं में समीक्षा कर आवश्य दिशा-निर्देश दिए थे। इसी के प्ररिपेक्ष्य में कलेक्टर ने तहसीलदारों को गुड़ फैक्ट्रियों का सर्वें कराने के लिए आदेशित किया है।

कलेक्टर के निर्देश पर जिले में संचालित गुड़ फैक्ट्रियों की सर्वे कर 15 बिन्दुओं में जानकारी प्रस्तुत करना है, उसमें उद्योग का नाम, मालिक का नाम, पता एवं मो.नं.,स्थापित ग्राम का नाम,भूमि डायव्हर्टेड है या नहीं, बकाया भू-भाटक की राशि एवं वसूली,उद्योग विभाग में पंजीयन है या नहीं, श्रम विभाग में पंजीयन है या नहीं,औद्योगिक विद्युत कनेक्शन है या नहीं, कार्यरत मजदूरों की संख्या मजदूरों को नियमित और नियत दर पर भुगतान हो रहा है या नहीं, कार्यरत मजदूरों का पुलिस सत्यापन कराया गया है या नहीं, पर्यावरण संरक्षण मंडल की एनओसी है या नहीं, उद्योग में स्थापित मशीनों की संख्या उत्पादन क्षमता, ग्राम पंचायत अथवा नगरीय निकाय का अनापत्ति प्रमाण पत्र है या नहीं, फैक्ट्री में सुरक्षा के उपाय है या नहीं के संबंध में गहन सर्वे करना शामिल है।

कलेक्टर ने निर्देशित करते हुए कहा कि इसके अलावा गुड़ फैक्ट्रियों मेंसुरक्षा मानकों से तात्पर्य श्रमिकों को किसी तरह की आकस्मिक दुर्घटना से बचाव है, जैसे कि-मजदूरों के लिए हेलमेट, रात्रि में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, आग से बचाव की व्यवस्था, साथ ही मजदूरों के रहने, पेयजल, शौचालय की व्यवस्था आदि को कोड करना होगा। किसी प्रकार की गंभीर अनियमितता, बाल श्रमिकों के कार्यरत होने या सुरक्षा मानकों की अनदेखी आदि की स्थिति में जानकारी के साथ पृथक से प्रतिवेदन भी प्रस्तुत करेंगें और अपने अनुविभागीय दण्डाधिकारी के संज्ञान में तत्काल लाना होगा।

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page