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कुमार शानू : ‘एक लड़की को देखा…’ गाने के बाद कुमार सानू को घबराई-भद्दी गालियां देने वाले थे महानगरी बर्मन, क्यों?

बॉलीवुड के अंधेरे दिनों से हम आपके लिए आज एक किस्सा लेकर आए हैं। ये किस्सा है मशहूर संगीतकार फोटोग्राफर बर्मन और सिंगर कुमार सानू से, जो कि म्यूजिक इंडस्ट्री के धुरंधर रहे हैं। करीब 29 साल पहले रिलीज हुई थी ‘1942: ए लव स्टोरी’ की एक फिल्म। इसमें अनिल कपूर, जैकी श्रॉफ और मनीषा कोइराला समेत कई हस्तियां नजर आई थीं। इस फिल्म का एक गाना था ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा…’, जोकि उस दौर में जबरदस्त हिट हुआ था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस गाने की रिकॉर्डिंग के बाद राइटिंग बर्मन ने कुमार सानू को भर-भरकर गालियां दी थीं। ऐसा क्यों? आइए आपको कुछ बातें बताते हैं।

गोपनीयता बरमन ने कुमार सानू को दिया था एक चैलेंज

कुमार सानू (Kumar Sanu) ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘पंचम दा (बीती बर्मन, उनकी आखिरी फिल्म में) सिंगिंग रूम में आए और मुझसे कहा… देखो इस गाने में बहुत सारे ‘जैसे’ शब्द हैं… जैसे गीतता गुलाब, जैसे शायर का ख्वाब, जैसे उजली ​​किरणें, जैसे बन में हिरन… सिर्फ एक मुखड़े में ही कई ‘जैसे’ शब्द हैं। उन्होंने मुझसे कहा, ‘सानू, मैं चाहता हूं कि ‘जैसे’ का हर जिक्र एक-दूसरे से अलग हो। जैसा साउंड नहीं करना चाहिए। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर मैं हर ‘जैसे’ को अलग-अलग रूप में गा सकता हूं तो ये गाना हिट है।’

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गाने के रिकॉर्ड बनने के बाद दी भद्दी गालियां

सिंगर कुमार सानू ने आगे बताया, ‘मैंने हर बार शब्द को अलग-अलग तरीके से गाने की कोशिश की और गाना हिट हो गया। पंचम दा की सोच बहुत अच्छी थी। वो एक दूर थे। ये जानने का अत्यधिक पकाने का तरीका था कि आप एक गाना कैसे चाहते हैं। जब रिकॉर्डिंग हो गई तो उन्होंने गले से लिया, मेरे माथे को चूम लिया और गलियां दे दीं। तो अगर उन्हें कुछ अच्छा लगता था, अगर वो जैसा चाहते थे वैसी रिकॉर्डिंग होती थी तो वो बहुत गालियां देते थे। मां, बाप, सब कुछ। जब मुझे शुरू में ये नहीं पता था, मैंने अपने बगल वाले से किसी से पूछा कि वो मुझे गालियां क्यों दे रहे हैं? तब मुझे बताया गया, ‘क्योंकि उन्हें बहुत पसंद आया।’

गाने के लिए कुमार सानू को रेटिंग मिली थी

बता दें कि इस गाने के लिए कुमार शानू को बेस्ट मेल ठेला लगाने वाले का फिल्मफेयर मिला था। इस गाने के अलावा सिंगर ने कई हिट ट्रैक दिए हैं। इनमें से ‘रिमझिम रिमझिम रुमझुम रूमझुम’, ‘रूठ ना जाना’ और ‘कुछ ना कहें’ जैसे कई सुपरहिट मान्यताओं को अपनी आवाज दी है। तेजस्वी बर्मन की बात करें तो उन्होंने ‘तीसरी मंजिल, ‘प्यार का मौसम’, ‘यादों की बारात’, ‘पड़ोसन’ और ‘कटी फ्लाईट’ जैसी कई फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया है। वो ‘हरे रामा हरे कृष्णा’, ‘सीता और गीता’, ‘शोले’, ‘आंधी’, ‘गोल माल’ और ‘खूबसूरत’ समेत कई अन्य फिल्मों में म्यूजिक डायरेक्टर भी रहे हैं।

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टीसी बर्मन की आखिरी फिल्म थी ‘1942: ए लव स्टोरी’

‘1942: ए लव स्टोरी’ की बात करें तो 1994 में ये रिलीज हुई, जिसका निर्देशन विधु विनोद चोपड़ा ने किया था। इसमें अनिल कपूर, मनीषा कोइराला, जैकी श्रॉफ, अनुपम खेर, डैनी डेंजोंगपा और प्राण थे, जबकि टाईप बर्मन ने फिल्म के लिए संगीत तैयार किया था, गाने के बोल जावेद शर्त ने लिखे थे। आरडी बर्मन का यह आखिरी प्रोजेक्ट था, जो फिल्म रिलीज से पहले ही चल रही थी।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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