
कर्णप्रयाग में भी भूधंसाव का खतरा
उत्तराखंड के जोशीमठ ही नहीं बल्कि कर्णप्रयाग में भी भूधंसाव का खतरा मंडरा रहा है। कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में भी करीब 40 घरों में खतरनाक दरारें आई हैं, जिसकी वजह से करीब 200 लोगों की जान पर खतरा बना हुआ है। कर्णप्रयाग में भी जोशीमठ जैसे हालात न बनें। इसे देखते हुए प्रशासन ने लोगों को दरार वाले कमरों को खाली करने की सूचना जारी कर दी है। लोगों को आवास खाली करने और नगर के आधार पर बसेरों में शरण लेने के लिए कहा गया है।
कर्णप्रयाग में दरारों को सर्वे शुरू
उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में घरों में दरार को लेकर प्रशासन ने इस इलाके का सर्वे भी शुरू कर दिया है ताकि ये पता चल सके कि यहां घरों में दरारें क्यों आ रही हैं और इस समस्या से समय कैसे चिपके रहते हैं? पिछले साल सीज़न सीजन में जुलाई से सिंतबर के बीच कर्णप्रयाग के सीएमपी बैंड स्थान और बहुगुणा नगर में चिपकने और भू-धंसाव की वजह से कई घरों में दरारें आ गई थीं, जो समय के साथ बढ़ती जा रही हैं।
उत्तरकाशी, टिहरी और नैनीताल में भी दरक रहे घर
उत्तराखंड के गढ़वाल के पूरे इलाके में खतरा मंडरा रहा है। जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग, उत्तरकाशी, तिहरी और नैनीताल के दायरे में भी घरों में दरारें दिख रही हैं। इन दरारों की वजह से यहां रहने वाले लोग काफी डर रहे हैं। कर्णप्रयाग में भी कई घरों में दरारें साफ दिख रही हैं। कुछ ऐसी ही दरारें उत्तरकाशी में भी दिख रही हैं। टिहरी गड़बड़ी के कई क्षेत्रों से भी ऐसी खबरें आई हैं। यहां भी जोश बिल्कुलमठ वाले दिख रहे हैं। नैनीताल भले ही कुमाऊं में आता हो, लेकिन यहां भी पहाड़ी इलाकों में जमीन धंसने की वजह से लोगों के घरों पर खतरा बना हुआ है।



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