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4 बार सीएम बनने के बाद एक भी कार्यकाल नहीं कर पाए पूरे, जन्मदिन पर जानें बीएस येदियुरप्पा से जुड़ी कुछ खास बातें

बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शामिल बीएस येदियुरप्पा एक ऐसा नाम जिसने 4 बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री का पद संभाला। बीजेपी ने येदियुरप्पा के बूते न सिर्फ दक्षिण भारत में सफलता का स्वाद चखा, बल्कि सत्ता पर काबिज भी हुई। हालांकि येदियुरप्पा का शासन उनके कामों से ज्यादा वीडियो के कारण चर्चा में रहा है।

भाजपा के दिग्गज और वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा ने भले ही अपने ज्योतिष यात्रा पर विराम लगा दिया हो। लेकिन उन्होंने विधानसभा में अपने अंतिम भाषण में कहा कि भाजपा के लिए हमेशा संघर्ष करते रहेंगे। आज के दिन यानी की 27 जनवरी को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का जन्म हुआ था। बता दें कि 4 बार सीएम का पद संभालने के बाद उन्होंने अपनी चुनावी राजनीति से संन्यास का आलान कर दिया था। एक गरीब परिवार में जन्मे येदियुरप्पा ने अपनी सियासी यात्रा में कई पर्वतारोहण देखे हैं। आज उनके जन्मदिन के बारे में जानते हैं, उनसे जुड़ी कुछ खास बातें…

जन्म और शिक्षा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके बीएस येदियुरप्पा का पूरा नाम बूकानाकेरे सिद्धलिंगप्पा येदियुरप्पा है। बता दें कि वह लिंगायत समुदाय से आते हैं। कर्नाटक के मंड्या जिले के बुकानाकेरे गांव में उनका जन्म 27 फरवरी 1943 को हुआ था। बुकानाकेरे गांव में येदियुरप्पा का बचपन बीता। येदियुरप्पा जब 4 साल के थे तो उनकी माता पुट्टतायम्मा का निधन हो गया था। जिसके बाद उनके पिता सिद्दलिंगप्पा ने अकेले ही अपनी परवरिश की है। बीएस येदियुरप्पा ने 12वीं की पढ़ाई के बाद ग्रेजुएशन पूरा किया।

शादी और परिवार

साल 1967 में वीरभद्र शास्त्री की पुत्री मैत्रादेवी से शादी की। येदियुरप्पा की 5 स्वच्छता हैं। इनमें से दो बेटे राघवेंद्र और विजयेंद्र और 3 बेटियां अरुणादेवी, पद्मावती और उमादेवी हैं। वहीं साल 2004 में एक हादसे में बीएस येदियुरप्पा की पत्नी मैत्रादेवी की मौत हो गई थी।

धार्मिक व्यवसाय

सामाजिक कल्याण विभाग में येदियुरप्पा ने एक क्लर्क को अपनी सेवा देने के बाद नौकरी छोड़ दी। इसके बाद वह कर्नाटक के हंटरपुरा नगर में एक चावल की फैक्ट्री में काम करने लगा। वहीं 15 साल की उम्र से वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े हुए थे। वर्ष 1965 में हंटरपुर यूनिट के संघ में उन्हें सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई और वर्ष 1972 में जनसंघ अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया गया। फिर 1975 में हंटरपुरा टाउन नगर नियोजन के सदस्य के रूप में येदियुरप्पापा को नई जिम्मेदारी मिली। इसके बाद वे 1983 में विधानमंडल के लोअर हाउस के लिए चुने गए। बता दें कि इस सीट से वे 6 बार चुने गए हैं। उनका काम प्रभावित हुआ साल 1988 में बीजेपी ने कर्नाटक राज्य का अपना अध्यक्ष बनाया था।

वहीं 1994 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली थी तब येदियुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा का निर्दलीय नेता बनाया गया था। 1999 में विधानसभा सीट से हार का सामना करने के बाद साल 2004 में हुए विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की। जनता दल (से अनलॉक) के एचडी कुमारस्वामी के साथ मिलकर येदियुरप्पा ने अलायन्स सरकार बनाई थी। इसमें उन्हें उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि यह गठबंधन ज्यादा समय तक टिक नहीं पाया। 12 नवंबर 2007 को येदियुरप्पा ने पहली बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री का पद संभाला। लेकिन जनता दल पार्टी के विरोध के कारण उन्होंने 7 दिन के अंदर सीएम पद छोड़ दिया। जिसके बाद वर्ष 2008 में फिर से विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनी और एक बार फिर येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने।

विवाद

कर्नाटक के मुख्यमंत्री का दायित्व संभालने के दौरान वर्ष 2011 में कई घोटलों में येदियुरप्पा का नाम आने के बाद इन्हें एक बार फिर से नौकरी से इस्तीफा देना पड़ा। सीएम का पद जाने के बाद येदियुरप्पा ने अपनी पार्टी बनाई। इसका नाम ‘कर्नाटक जनता पक्ष’ रखा गया। वहीं साल 2013 में हंटरपुरा सीट से चुनाव लड़ने वह विधानसभा पहुंचे और साल 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए फिर से बीजेपी में शामिल हो गए। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद येदियुरप्पा को वहां का सीएम बनाया गया।

जेल

साल 2011 में जमीन घोटाले से जुड़े दो मामलों में येदियुरप्पा को देनदारी मिलने के बाद उनकी गिरफ्तारी कर ली गई। इसके बाद उन्हें 23 दिन तक जेल में रहना पड़ा। हालांकि फिर जमानत मिलने के बाद वह बाहर आ गए। येदियुरप्पा का कीवर्ड से पुराना नाता रहा है। साल 2017 में येदियुरप्पा पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने पर्टल परिवार के दिए गए भोजन को खाने से मना कर दिया था। जिसके बाद उन पर एक खुलासा का मामला भी दर्ज हुआ। उसी मामले की जांच में पता चला था कि येदियुरप्पा ने पर्टेल के घर का खाना खाने से मना नहीं किया था, बल्कि पर्टैलिटी के घर का खाना खत्म होने के कारण उन्होंने होटल से खाना मंगवाकर खाया था।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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