
शाहबाज शरीफ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
श्रीलंका से भी बदतर होगी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था: अगर अब रात 10 बजे के बाद किसी ने बारात निकाल दी तो इससे पाकिस्तान का बैंड बज सकता है। किसी भी पाकिस्तान ने ऐसा किया है तो उनके देश में कांगाली आ सकता है। पाकिस्तानियों के भूखे मरने की नौबत आ सकती है। यह सुनकर आपको अजीब लग रहा होगा। मगर यह पूरी तरह सच है। पाकिस्तान की सरकार ने इसके लिए बकायदे गाइडलाइन भी जारी कर दी है, जिसमें रात 10 बजे के बाद कोई बारात नहीं निकाला जा रहा है और वैवाविहक घटनाओं को इस सीमा के अंदर ही बंद कर देने का फरमान सुना दिया गया है।
पाकिस्तान सरकार ने इस आदेश को जारी करने के पीछे खस्ता महिला उद्योग को बढ़ावा देने की पहल को बताया है। अब आपको लग रहा होगा कि बारात का उद्योग से क्या लेना-देना?….मगर पाकिस्तान की सरकार का मानना है कि रात 10:00 बजे के बाद अनुबन्ध होने और बारात आने से इतना अधिक बिजली खर्च होगा। इसलिए बिजली की खपत कम करके सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। पाकिस्तान में ज़बरदस्ती उद्योग डवांडोल होने के साथ बिजली का भी भारी संकट आ गया है।
श्रीलंका से बुरा होने वाला हाल है
पाकिस्तान का हाल श्रीलंका से भी ज्यादा बुरा होने वाला है। हालत यह है कि सरकार की मुद्रा कोष में अब कौड़ी भी नहीं रह गई है। इससे पाकिस्तानियों के भूखे मरने की नौबत है। पाकिस्तान की खराब अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है। इस नशे में पाकिस्तान गहरी नुकसान संकट से जूझ रहा है। चीन की मदद करने वाला पाकिस्तान भी 40 साल की सबसे बड़ी रेटिंग पर फिदा है। कोरोना का पुनर्संक्रमण ने चीन की हालत और खस्ता कर दी है। इससे वह पाकिस्तान की मदद करने की स्थिति में भी नहीं है। ऐसे में अब पाकिस्तान का भगवान ही मालिक है।
रात 8:00 बजे के बाद सभी सुविधाएं बंद
नुकसान संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में बिजली संकट की हताशा भरी योजना के तहत बाजार और रेस्तरां को रात 8 बजे तक हर हाल में बंद कर देने का आदेश दिया गया है। विवाह स्थलों को भी रात दस बजे तक पूरी तरह से बंद करना होगा। पाकिस्तान संकट के साथ ही भीषण बिजली संकट और चोटों से भी जूझ रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध और जून में आई बाढ़ ने देश में ऊर्जा संकट को और बढ़ा दिया। राष्ट्रीय ऊर्जा-संरक्षण कार्यक्रम पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा शुरू किया गया था और यह प्रधानमंत्री शाहबाज सरफ द्वारा ऊर्जा क्षेत्र में द्विपक्षीय ऋण कम करने का निर्देश देने के एक दिन बाद आया था। आ नेसिफ ने कहा कि संघीय सरकार इस राष्ट्रव्यापी योजना को लागू करने के लिए प्रांतों से अधिकारियों से संपर्क करती है।













