
UNITED NEWS OF ASIA. सरगुजा/अंबिकापुर — अंबिकापुर के पीजी कॉलेज में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। कॉलेज के एकमात्र वाटर फिल्टर में मरी हुई छिपकली पाई गई, जिससे कई छात्रों ने अनजाने में दूषित पानी पी लिया। इससे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। छात्रों का आरोप है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कॉलेज प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया।
छात्रों की सेहत से खिलवाड़: छिपकली वाला पानी पिलाता रहा कॉलेज”
अंबिकापुर — छत्तीसगढ़ के एक प्रतिष्ठित पीजी कॉलेज में पेयजल व्यवस्था की बदहाली ने छात्रों को अस्पताल पहुंचा दिया। कॉलेज के वाटर कूलर में मरी छिपकली मिलने के बावजूद प्रबंधन की चुप्पी और कार्रवाई में देरी ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
“PG कॉलेज का शर्मनाक सच: सड़ चुके फिल्टर, मरी छिपकली, बीमार छात्र”
अंबिकापुर — जहां पढ़ाई का मंदिर होना चाहिए, वहां अब ज़हर बन चुका है पानी! पीजी कॉलेज अंबिकापुर में मरी छिपकली वाला पानी पीने से कई छात्र बीमार हो गए हैं। छात्रों ने पहले ही समस्या की सूचना दी थी, लेकिन ‘ब्रीफिंग’ में व्यस्त प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया।
“पानी में मौत! PG कॉलेज के वाटर कूलर में मरी छिपकली, छात्रों की तबीयत बिगड़ी”
सरगुजा — कॉलेज में पानी ज़िंदगी देता है या बीमार करता है? अंबिकापुर पीजी कॉलेज में छात्रों ने मरी हुई छिपकली वाला पानी पिया और कई की तबीयत बिगड़ गई। प्राचार्य ने प्रशासनिक व्यस्तता का हवाला दिया, लेकिन सवाल अब जिम्मेदारी से भागने पर उठ रहे हैं।
“छात्र बोले—छिपकली की बदबू थी, लेकिन पीना पड़ा वही पानी”
अंबिकापुर — “दुर्गंध आ रही थी, फिर भी वही पानी पीना पड़ा क्योंकि दूसरा विकल्प नहीं था।” यह बयान किसी ग्रामीण स्कूल का नहीं, बल्कि अंबिकापुर पीजी कॉलेज का है, जहां एकमात्र फिल्टर में मरी छिपकली मिलने से छात्रों की हालत खराब हो गई। प्रशासन का रवैया अब भी ढीला है।



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