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मुंबई में साइबर फ्रॉड चुटकियों का खेल? एक्ट्रेस तक हो गया शिकार मुंबई में साइबर फ्रॉड का शिकार हुईं एक्ट्रेस, जानिए पुलिस किस तरीके का इस्तेमाल कर रही है

छवि स्रोत: फ़ाइल
मुंबई में साइबर फ्रॉड चुटकियों का खेल?

मुंबई: देश में पिछले कुछ समय से साइबर फ्रॉड की बाढ़ से आ गया है। साइबर ठगों के जाल में आम आदमी से लेकर खास आदमी हर कोई फंस जाता है। यह इतने ठग शातिर से कैसे ठगी को अंजाम देते हैं कि आपको भनक तक नहीं लगता। आपको एहसास होने का एहसास होता है तब तक आपका नुकसान हो जाता है। पुलिस भी इन साइबर अपराधियों के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। तमाम कोशिशों और प्रयासों के बाद भी इन पर लगाम नहीं लग रही है। इन साइबर ठगों से हर कोई परेशान है।

इसी तरह मुंबई पुलिस के लिए बीते 15 दिनों से एक सायबर फ्रॉड गैंग सरबस्टर बना है। इस गैंग ने 15 दिनों में पकड़े लोगों से ठगी की है उसका पात्र अभी तक पुलिस के पास मौजूद नहीं है, लेकिन अभी तक 60 लोगो ने ठगी की एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर दर्ज करने वालों में आम लोगों से लेकर एक अभिनेत्री तक शामिल है। इसके साथ ही पुलिस ने 300 ऐसे मोबाइल नंबर डिटेक्ट किए हैं, असली इस्तेमाल ठगी के लिए किया गया। हालंकि पुलिस कह रही है कि मुंबई में लाखों लोगों को ठगी का मैसेज भेजा गया है। ऐसे में पुलिस ने बा कोड से इससे बचने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है और लोगों से अपील की है कि ठगी का शिकार हुए ज्यादा से ज्यादा लोग इसकी शिकायत दर्ज करते हैं।

फ्रॉड करने का नया तरीका क्या है?

दरअसल केवाईसी जानकारी के नाम पर हो रही यह ठगी में अपराधी सबसे पहले लोगों को एसएमएस के माध्यम से यह संदेश देते हैं कि उनका पैन कार्ड और केवाईसी अपडेट नहीं होने के कारण उनका बैंक खाता बंद होने वाला है। अगर वे इससे बचना चाहते हैं तो एसएमएस में दिए गए लिंक पर क्लिक करके अपना बैंक विवरण अपडेट करवाएं। ऐसे में जब नागरिक दिए गए लिंक पर क्लिक करते हैं तो वह एक दाता ऑनलाइन बैंक पोर्टल पर पहुंच जाता है। जहां OTP, बैंक खाते की जानकारी सहित अन्य विवरण भारे जाने को कहा जाता है। ऐसा करते ही ग्राहकों के बैंक खाते से लाखों की रकम साफ हो जाती है।

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ऐसा ही कुछ हुआ मुंबई की रहने वाला श्वेता मेनन के साथ। श्वेता समुदाय से एक टीवी कलाकार हैं। उन्हें दो मार्च की तारीख को एक एसएमएस मिला जिसमें उन्हें केवाईसी अपडेट न करने पर बैंक खाते बंद होने का पता चला। हड़बड़ाहट में श्वेता वही गलती कर बैठी जो उन्हें नहीं करनी थी। लिंक पर क्लिक करने की गलती से श्वेता को 57,636 बड़ा नुकसान हुआ।

सिर्फ एचडीएफसी बैंक के ग्राहकों को शिकार बनाया जा रहा है

लेकिन श्वेता ऐसी सभी नहीं हैं, जी इस तरह से ठगी का शिकार हुए हैं। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 27 फरवरी से 5 मार्च तक अकेले मुंबई शहर में केवाईसी अपडेट के नाम पर साइबर ठगी के 60 मामले दर्ज किए गए हैं जिनकी राशि लाखों में पहुंच चुकी है। सभी मामलों में एक खास बात यह भी नजर आ रही है कि यह फ्रॉड एचडीएफसी बैंक के नाम पर किया जा रहा है। ऐसे में पुलिस इस बात की जांच भी कर रही है कि किसी भी ग्राहक के डेटा तक पहुंचें किसी बैंक के किसी कर्मचारी का हाथ तो नहीं? वर्तमान पुलिस की तलाशी की जा रही है और वे नहीं चाहते कि कोई दूसरा नागरिक अब ठगी का शिकार हो जाए, ऐसे में पुलिस ने आम नागरिकों के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है।

ठगों तक चौकियां आसान नहीं हैं

इस गैंग तक आसान नहीं है। साइबर सेल की एक टीम बनाई गई है, जिसमें अभी तक 300 मोबाइल नंबर की पहचान हो चुकी है। हालांकि इन नंबरों की संख्या हजारों में हो सकती है क्योंकि लाखों लोगों को ये संदेश आ रहे हैं। गैंग कहां से संचालित हो रहा है? कौन लोग इसमें शामिल हैं? ये अभी कहना मुश्किल है लेकिन ये गिरोह एक पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है।

साइबर सेल के मुताबिक 2021 के ग्रामीण इलाकों में साइबर क्राइम में 70 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। जहां 2022 के नवंबर महीने तक शहर भर में 4286 साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज किए गए, जिनमें 1294 क्रेडिट कार्ड फ्रॉड और 2216 ऑनलाइन ऑफर के फ्रॉड दर्ज किए गए। ये कुल 4286 मिले हुए रूप में केवल 279 ही सुलझाए जा सकते हैं। इससे पता चलता है कि सायबर गैंग किस तरह से सक्रिय है। आगे बढ़ने वाले साइबर मामलों और मामलों में कमी को देख यही कहा जा सकता है कि ठगी से बचने का सबसे प्रभावी तरीका यही होगा कि नागरिक और सतर्क रहें अन्यथा उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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