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अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण कम कर सकता है कोविड वैक्सीन, जानिए कैसे बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता।

हमारे स्वास्थ्य के लिए वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक है। खोज से यह साबित हुआ है कि यह कई तरह के कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। दिल्ली जैसी सबसे पॉल्यूटेड मेट्रो सिटी के लिए तो यह और भी खतरनाक है। एक अध्ययन में यह बात साबित हो चुकी है कि एयर पॉल्युशन कोरोना वैक्सीन (कोविड वैक्सीन पर वायु प्रदूषण का प्रभाव) पर भी बुरा असर पड़ता है। वायु प्रदूषण कोविड टीकाकरण के बाद शरीर में बनने वाले एंटीबॉडी की मात्रा में गिरावट ला देता है। इसका मतलब यह है कि योग मिशन वैक्सीनेशन को कम कर सकता है। तब जब गर्मी के साथ अधिकतर भारतीय शहरों का प्रदूषण और प्रभाव के मामले बढ़ रहे हैं, तो जानिए कि आप खुद को और अपने परिवार को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं (How to prevent coronavirus) हैं।

क्या है प्रधानमंत्री (PM)

पीएम का मतलब पार्टिकुलेट मैटर (Particulate Matter) होता है। हवा में पाए जाने वाले ठोस कणों और तरल बूंदों के मिश्रण को कण प्रदूषण (कण प्रदूषण) भी कहा जाता है। कुछ कण जैसे धूल, गंदगी, कालिख, धुआं आदि इतने बड़े या काले होते हैं कि उन्हें नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है। हवा का पीएम पार्टिकुलेट मैटर 2.5 रहता है। इसके साथ-साथ हवा में काला कार्बन, एनोटू और ऑस गैस की भी उपस्थिति रहती है। यह सभी समग्र वायु प्रदूषण के स्तर को स्वास्थ्य के लिए और बुरा भी बनाते हैं।

COVID वैक्सीन और संदूषण पर क्या अध्ययन होता है (अध्ययन)

कैटेलोनिया, स्पेन में दो हज़ार से अधिक जनसंख्या पर जनसंख्या-आधारित समूह का अध्ययन किया गया। साथियों ने एक निश्चित जनसमूह पर लंबे समय तक अध्ययन किया है। इस अध्ययन के तहत वर्ष 2021 में 2,404 लोगों में से 927 लोगों का खून किया गया। इन लोगों ने 1-3 महीने पहले COVID-19 वैक्सीन ली थी।

निष्कर्ष में पाया गया कि टीका निर्धारण के 1 महीने बाद जिन लोगों का वायु प्रदूषण का प्रदर्शन हो रहा था, उनके इम्युनोग्लोबुलिन एम (IGM) में एंटीबॉडी 5-10 प्रतिशत कम पाए गए। ब्राइटन के अनुसार, विशेष रूप से सूक्ष्म कण पदार्थ (पीएम 2.5), नाइट्रोजन बैंड (NO2) और ब्लैक कार्बन (ब्लैक कार्बन) के संपर्क में आना खतरनाक है। इसके कारण बिना किसी संक्रमण वाले लोगों में आईजीएम और आईजीजी बॉडीज में लगभग 10 प्रतिशत की कमी होती है।

वायु प्रदूषक शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं (Immune System)

एनवायरनमेंट हेल्थ प्रॉस्पेक्ट जर्नल में प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार, वायु प्रदूषण फेफड़े के कैंसर, हृदय, श्वसन रोग और मधुमेह समेत कई आशंकाएं स्वास्थ्य से जुड़े हुए हैं। वायु प्रदूषक शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए ये कोविड-19 टीकों के लिए संस्थाओं को भी प्रभावित करते हैं।

मैक्रो के अनुसार, वायु प्रदूषण पुराना सूजन (क्रोनिक इन्फ्लेमेशन) को प्रेरित कर सकता है। यह टीका का करार पर नकारात्मक प्रभाव डालने से हुआ है। निष्कर्ष यह भी हैं कि लगातार जैविक प्रदूषक बच्चों में भी टिप्पणियों की प्रतिक्रिया को कम करते हैं।

इम्यूनोग्लोबुलिन का स्तर निम्न (इम्युनोग्लोबुलिन)

स्टडी टीम ने 40 से 65 साल की उम्र के 927 डेटा का विश्लेषण किया, जिन्होंने 2020 और 2021 में अपना ब्लड सैंपल दिया था। इन लोगों को कोविड के टीके की एक या दो डोज मिल चुकी थी। परिणाम बताते हैं कि असंक्रमित व्यक्तियों में महामारी से पहले के पीएम 2.5, एनोटू और ब्लैक कार्बन के संपर्क में आने से वैक्सीन-प्रेरित स्पाइक एंटीबॉडीज में 5 -10 प्रतिशत की कमी हो गई है।

पहले डोज के बाद इम्युनोग्लोबुलिन एम की प्रतिक्रिया हाई एयर पॉल्युशन लेवल में संपर्क चरम पर पहुंच गई। टीकाकरण के बाद कई महीनों तक इम्युनोग्लोबुलिन का स्तर कम बना रहता है। ब्रेस्ट के अनुसार अभी इस पर और अधिक शोध किए जा रहे हैं।

एसटीई शहरों में रहते हैं, तो कायरोना वायरस से दोस्ती और इम्युनिटी बढ़ाने के लिए याद रखें ये 5 जरूरी टिप्स

यदि आप किसी शोषित शहर में रहते हैं, तो अपने इम्यून सिस्टम को स्ट्रोंग बनाये रखना जरूरी है। इसके लिए हमने पहले बात की जिंदल नेचर्योर के डिप्टी चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। एच पी भारती से। डॉ. एचपी भारती उद्धरण हैं, ‘ऑर्गन, टीश्यूज, सेल्स और प्रोटीन मिलकर एंटीऑक्सिडेंट सिस्टम बनाते हैं। ये शारीरिक प्रक्रियाओं को अंजाम देते हैं, जो रोग या संक्रमण पैदा करने वाले वायरस, बैक्टीरिया और बाहरी संक्रमण से लड़ते हैं।

जब प्राथमिकी सिस्टम किसी बैक्टीरिया के संपर्क में आता है, तो यह प्राथमिकी प्रतिक्रियाओं को पंजीकृत करता है। एंटीबॉडी सिस्टम बनाता है, जो पैथोजन के एंटीजेन से जुड़ा होता है। यह खत्म करने में बनता है। प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए।

1 आहार में शामिल करें सभी जरूरी विटामिन

विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सबसे आगे है। यह क्रिसमस से लेकर हरियाली में भी शामिल है। विटामिन ए हमें संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह रेंज़ प्रोडक्ट्स, रंग-बिरंगे, पीले साज-सामान में मौजूद है। चिकन, टूना, केला में मौजूद विटामिन बी 6 भी मुक्त प्रणाली को मजबूत करते हैं।

आहार में शामिल करें इम्यूनिटी बढ़ाने वाले भोजन। चित्र : आदी स्टॉक

इसके अलावा विटामिन डी भी इम्युनिटी को मजबूत करता है। सूरज की रौशनी के अलावा, आहार में विटामिन के स्रोत वाले फल, पौस्श्चराइज्ड दूध, पनीर, अंडा, मेज में पाया जाता है, जो प्रतिपूर्ति भत्ता करता है।

2 नियमित व्यायाम भी जरूरी है (Regular Exercise)

शारीरिक स्थिति मांसपेशियों के निर्माण और तनाव से मुक्त होने में मदद करने के साथ-साथ स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली बनाने में भी मदद करते हैं।

3 विश्रामस्थल (कोरोना वायरस से बचाव कैसे करें)

पानी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारे रक्त और कारकों से जुड़े हुए हैं, के लिए भी जरूरी है। इसलिए खुद को दिन भर में भर लें

4 पर्याप्त नींद लें (अच्छी नींद)

नींद निश्चित रूप से शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। डैमेज सेल की कमर गहरी नींद के दौरान होती है और प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है

गहरी नींद के दौरान डैमेज सेल की शिथिलता होती है और प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। चित्र : एडोबी स्टॉक

5 तनाव कम करें (तनाव स्तर)

तनाव प्रतिरक्षा प्रणाली पर बुरा प्रभाव डालता है। नींद की गड़बड़ी, अनहेल्दी खाने की प्रवृत्ति, पानी का सेवन कम करना, कम व्यायाम के साथ तनाव मुक्त प्रणाली को कमजोर करता है। इसलिए योग ध्यान के आंकड़े स्ट्रेस लेवल को कम करना जरूरी है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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