भरतपुर : राजस्थान के भरतपुर जिले के कुम्हेर थाना क्षेत्र में स्थित महाराजा सूरजमल ब्रज विश्वविद्यालय में बुधवार को छात्र संघ के कार्यालय का उद्घाटन कार्यक्रम रखा गया था। विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष के लिए हितेश फौजदार अखिल भारतीय छात्र परिषद (एबीवीपी) से चुनाव लड़े थे और जीत दर्ज की थी। ABVP से कांग्रेस के बाद कार्यालय के उद्घाटन के लिए अध्यक्ष हितेश फौजदार ने पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक को आमंत्रण दिया। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को निमंत्रण देने का एबीवीपी के अन्य कार्यकर्ता विरोध करने लगे।
कार्यक्रम में दो ग्रुप प्लेऑफ़
कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को निमंत्रण देने के साथ कांग्रेस के कुछ नेताओं को भी निमंत्रण दिया गया। इसी बात को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता और अध्यक्ष के बीच परदेश गए। छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल मलिक और कांग्रेस के छात्र नेता सत्यवीर चौधरी पहुंचे। कार्यक्रम शुरू हुआ ही था कि अखिल भारतीय छात्र परिषद के कार्यकर्ता चिल्लाने लगे। उसी समय छात्रों के दो गुटों में बंट गए और उनके बीजों का अध्ययन किया गया। वहीं पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कुछ छात्रों को हिरासत में ले लिया।
आरोपित है कि जयपुर के महारानी कॉलेज में छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन पर आयोजित कार्यक्रम राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी और एबीवीपी की प्रेमिका के बीच का मामला सामने आया था, उसी तरह बुधवार को फिर ऐसा मामला भरतपुर में सामने आया है।
अध्यक्ष हितेश फौजदार ने यह कहा
ब्रज विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष का कहना था, “जब मैंने पूर्व राज्यपाल मलिक को निमंत्रण भेजा तो ऊपर से कई फोन आए कि उनकी कार्यक्रम रद्द कर दो, मैंने पूछा कि क्यों रद्द कर दूं, तो उन्होंने कहा कि पूर्व राज्यपाल मलिक प्रधानमंत्री मोदी खिलाफ के बोलते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतने बड़े लोग आरोप लगा सकते हैं तो गरीब,किसानों और अनुमानों को कितना दबा कर रखेंगे। मैंने सही समय पर सही अनुमान लिया है।”
कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल मलिक ने चेताया
एबीवीपी के नामांकन पर रोक लगाने के मामले में पूर्व गवर्नर मलिक ने शिकायत की है। उसी समय केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा “सरकार के किसानों की प्रति नीयत ठीक नहीं है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का मामला अब भी लटका हुआ है। मैं चेतवानी चाहता हूं कि अगर सरकार सही नहीं है और किसानों के एमएसपी का मामला हल नहीं करता है तो किसानों की बड़ी लड़ाई होगी। ऐसी लड़ाई होगी जो आज तक किसी की नजर नहीं लगेगी। किसानों के तीन कानूनों के खिलाफ एक साल तक आंदोलन चला लेकिन चिड़िया को किसी ने पत्थर तक नहीं मारा, सत्ताधारी को अंधा कर देगा। है।”
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