
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | छत्तीसगढ़ में खाद्य पदार्थों में मिलावट का धंधा तेजी से पैर पसार रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने राजधानी रायपुर सहित प्रदेश भर में मिलावटखोरी की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता जताते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने कहा कि जिन खाद्य पदार्थों को आम लोग स्वास्थ्यवर्धक समझकर सेवन करते हैं, उनमें नकली और जहरीले तत्व मिलाए जा रहे हैं। इससे लोगों का स्वास्थ्य खतरे में है और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि हाल ही में केंद्रीय खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा किए गए कानून संशोधन ने मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की राह को कमजोर कर दिया है। अब दोषियों को जेल की बजाय सिर्फ आर्थिक जुर्माने से छोड़ दिया जा रहा है।
सूरज उपाध्याय, प्रदेश महासचिव (मीडिया, सोशल मीडिया प्रभारी, मुख्य प्रवक्ता) ने जानकारी देते हुए कहा कि राजधानी रायपुर में रोजाना 1000 किलो नकली पनीर की खपत हो रही है। कल ही शंकर नगर क्षेत्र में एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ, जहां नाले के ऊपर चल रही इकाई में घटिया क्वालिटी के पाम ऑयल, फैट के डल्ले और मिल्क पाउडर से नकली पनीर तैयार किया जा रहा था। इसके पूर्व भी भाटागांव, धनेली, बिरगांव और निमोरा जैसे इलाकों में मिलावटी पनीर की फैक्ट्रियों में छापे मारे गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष जनवरी में रायपुर रेलवे स्टेशन में 5100 किलो नकली पनीर पकड़ा गया था, जिसे मध्यप्रदेश और पुणे से लाया गया था। लेकिन अब तक इस संबंध में दोषियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे उनका मनोबल और बढ़ता जा रहा है।
उत्तम जायसवाल (प्रदेश उपाध्यक्ष) और देवलाल नरेटी (जिला पंचायत सदस्य, कांकेर) ने कहा कि अगर केवल रायपुर में प्रतिदिन 1000 किलो नकली पनीर की आपूर्ति हो रही है, तो पूरे प्रदेश में स्थिति बेहद भयावह है। बीते छह महीनों में लगभग 6000 किलो से अधिक मिलावटी पनीर जब्त किया गया, लेकिन नतीजा शून्य है।
वदूद आलम (प्रदेश महासचिव) और जसबीर सिंह (प्रदेश संगठन महामंत्री) ने राज्य सरकार की “बने खाबो – बने रहिबो” मुहिम को केवल औपचारिकता करार देते हुए कहा कि खाद्य विभाग की लापरवाही के चलते मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं।
दुर्गा झा और भानुप्रकाश चंद्रा (प्रदेश उपाध्यक्ष) ने कहा कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा नियमित निरीक्षण नहीं किए जाते। अधिकतर कार्यवाही त्योहारों या विशेष अवसरों पर ही खानापूर्ति के तौर पर की जाती है। कई जिलों में खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं ही नहीं हैं, और जहां हैं वहां स्टाफ की भारी कमी है।
मिहिर कुर्मी (प्रदेश मीडिया प्रभारी) और नंदन सिंह (प्रदेश उपाध्यक्ष) ने कहा कि आम आदमी पार्टी जनता के स्वास्थ्य से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर सरकार से मांग करती है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को मिलावट पाए जाने की स्थिति में तत्काल और कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं।
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