
UNITED NEWS OF ASIA. डबरा। आधार कार्ड (Aadhar Card) एक ऐसा पहचान पत्र है, जो अक्सर नागरिकता और पहचान का प्रमाण माना जाता है। लेकिन डबरा में आधार कार्ड ने ऐसा कमाल किया, जिससे 8 साल से बिछड़े एक बेटे को उसकी मां से मिलवा दिया। जिस बेटे को परिवार ने मृत मान लिया था, वह अचानक लौट आया तो पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई।
कैसे बिछड़ा था बेटा?
ग्राम मोहनपुर, जिला अशोकनगर का निवासी तुलाराम अहिरवार 8 साल पहले मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण परिवार से बिछड़ गया था। परिवार ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग न मिलने पर उसे मृत मान लिया गया। इसी बीच ‘प्रभु जी सेवा संस्थान’ के कार्यकर्ताओं ने उसे गुना की सड़कों से उठाकर डबरा लाया और वहां उसका नाम “कृष्णा” रखा गया।
आधार कार्ड ने ऐसे किया कमाल
संस्थान में रह रहे सभी लोगों के आधार कार्ड बनाए जा रहे थे। इस प्रक्रिया के दौरान जब कृष्णा का फिंगरप्रिंट लिया गया, तो खुलासा हुआ कि उसका आधार कार्ड पहले से बना हुआ है। आधार कार्ड की डिटेल निकाली गई, जिससे उसकी असली पहचान तुलाराम अहिरवार के रूप में सामने आई। इसके बाद अधिकारियों ने तुरंत तुलाराम के परिवार से संपर्क किया।
8 साल बाद मां से मिलकर छलके आंसू
परिजन सूचना मिलते ही डबरा पहुंचे। जब तुलाराम की मां ने अपने बेटे को 8 साल बाद देखा तो भावुक हो उठी। उन्होंने कहा, “मैंने बेटे के जिंदा होने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन भगवान ने मुझे मेरा बेटा लौटा दिया।” बेटे को गले लगाकर मां की आंखों से खुशी के आंसू झलक पड़े। परिवार के लिए यह पल किसी चमत्कार से कम नहीं था।
संस्थान पहले भी करा चुका है कई मिलन
प्रभु जी सेवा संस्थान मानसिक रूप से कमजोर और लावारिस लोगों को शरण देता है। संस्था उन्हें नया नाम देती है और उनके परिवार से मिलवाने का प्रयास करती है। इससे पहले भी संस्था कई परिवारों को उनके बिछड़े हुए सदस्यों से मिलवा चुकी है। SDM दिव्यांशु चौधरी के इस प्रयास से न सिर्फ एक मां को उसका बेटा मिला, बल्कि आधार कार्ड की उपयोगिता भी साबित हुई।













