UNITED NEWS OF ASIA. अरुण पुरेना, बेमेतरा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल आज बेमेतरा जिला अंतर्गत वि.ख. नवागढ़ के ग्राम अंधियारखोर के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में आयोजित जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित हुये। इस दौरान अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद दुर्ग संभाग विजय बघेल, बेमेतरा विधायक दिपेश साहू, साजा विधायक ईश्वर साहू, कलेक्टर रणबीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता साहू, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय तिवारी सहित जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी आम नागरिक व स्कूल के बच्चे उपस्थित हुये।
जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का भव्य शुभारंभ अत्यंत हर्षोल्लास के साथ किया गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रांगण को रंग-बिरंगे झंडों और फूलों से सजाया गया था, जिससे पूरे वातावरण में उत्सव का माहौल बन गया। कार्यक्रम की शुरुआत माता सरस्वती की छायाचित्र में खाद्य मंत्री व अन्य विशिष्ट अतिथियों के द्वारा पारंपरिक रूप से पूजा अर्चना और दीप प्रज्वलन करके की गई। दीप प्रज्वलन भारतीय संस्कृति में ज्ञान और शुभता का प्रतीक माना जाता है, और इससे पूरे कार्यक्रम में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ।
इसके पश्चात् खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने उपस्थित छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को संबोधित किया। खाद्य मंत्री बघेल ने बच्चों को तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर, माला पहनाकर शाला प्रवेश कराया। इसके साथ ही अपने हाथों से स्कूली बच्चों को गणवेश वितरित किया। अपने भाषण में उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और बच्चों को मेहनत और समर्पण से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों और योजनाओं की भी जानकारी दी, जिनका उद्देश्य हर बच्चे को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करना है। खाघमंत्री बघेल ने सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे विभिन्न सुधारों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है और हर बच्चे को गुणवत्ता युक्त शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके साथ ही, उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे मेहनत और लगन से पढ़ाई करें और अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाएं। मंत्री ने अभिभावकों और शिक्षकों को भी बच्चों की शिक्षा में सहयोग और समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया । इस दौरान स्कूल खुलते ही बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें, गणवेश इत्यादि प्रदान करने तथा कक्षा नवमीं में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को निःशुल्क सायकल प्रदान करने की व्यवस्था की गई थी।
खाद्य मंत्री बघेल ने नए शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के उपलक्ष्य में सरस्वती साइकिल योजना के तहत नि:शुल्क साइकिल वितरित की गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा की शिक्षा की गुणवत्ता शिक्षा के प्रति जन-जन का लगाव बढ़ाने का अवसर मिल रहा है। हमारा यह संकल्प है कि प्रदेश में उत्कृष्ट शिक्षा का वातावरण तैयार करने के लिए सभी व्यवस्थाएं स्कूल खुलने के पहले दिन से ही सुनिश्चित हों।
दुर्ग सांसद विजय बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा की इस परंपरा की शुरुआत शासन और सरकार के माध्यम से किया गया है। हम सब इस समारोह के माध्यम से और शिक्षा ज्ञान प्राप्त कर अपने जीवन की हर लक्ष्य को प्राप्त करेंगे जिसकी कल्पना हमारे माता पिता करते है, आज ऐसे गुरुजन और शिक्षक उपस्थित है जो अपनी मेहनत के बल पर बच्चो के भविष्य को बनाते हैं, ताकि आने वाले समय में यही बच्चे देश के नवनिर्माण में हिस्सेदारी दें।
उन्होंने कहा की वर्तमान शिक्षा परंपरा में हमें सुधार लाना हैं, शिक्षा और स्वास्थ जीवन के मूल अंग है, जिसके बारे में हमको निश्चित रूप से हमको ध्यान देना पड़ेगा। उन्होंने बताया की नया शिक्षा नीति नियम पिछले साल से लागू हुआ है, जो आने वाली भविष्य को नया शिक्षा और नया दिशा देगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2047 में विश्वगुरु बनाने कि दिशा में अग्रसर होकर अपना खोया हुआ मान-सम्मान और वापस आएगा और इस दिशा में हमारे बच्चे कारगर साबित होंगे।
बेमेतरा विधायक दिपेश साहू ने जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम की बधाई दी। उन्होंने शाला प्रवेश उत्सव के दौरान बच्चों को शिक्षा के महत्व और उनकी जिम्मेदारियों के बारे में बताया। और खेलने, सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने के साथ साथ अच्छे से पढ़ाई करने को कहा। विधायक ने बच्चों को अच्छे से मन लगाकर पढ़ने और अपने माता-पिता का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि यह उनके भविष्य को संवारने और समाज में बेहतर स्थान पाने का माध्यम है। बच्चों से उन्होंने कहा कि वे कठिन परिश्रम करें और हमेशा अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रयासरत रहें।
साजा विधायक ईश्वर साहू ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा की हमारे सबसे पहले गुरु हमारे माता पिता होते हैं जो हमें चलना सिखाते हैं बोलना सिखाते है और पारिवारिक परिवेश में अनुशासन और संस्कार सिखाते हैं। इसके बाद बच्चे को अक्षर के ज्ञान और पढ़ाई लिखाई हेतु स्कूल भेजा जाता हैं जहाँ पर दूसरा गुरु के रूप में हमें शिक्षक मिलते है जो हमे पढ़ना लिखना और सत्य और असत्य का पाठ सीखते है। आज शिक्षक के पढ़ाए हुए बच्चे डॉक्टर, कलेक्टर, इंजीनियरिंग बनते हैं। उन्होंने सभी बच्चों को लगन से और धैर्य के साथ पढ़ाई करने और निरंतर मेहनत करते रहने को कहा। उन्होंने कहा की शिक्षक एक दीपक की तरह होते है जो खुद जलकर बच्चों को प्रकाश देते है और उनकी उज्वल भविष्य की कामना करते हैं।
कलेक्टर रणबीर शर्मा ने शाला प्रवेश उत्सव की सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की 2024-25 शैक्षणिक वर्ष सर्वांगीण शिक्षा गुणवत्ता के रूप में मना रहे हैं इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जायेगा ताकि विद्यार्थियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना आये। जिलाधीश ने बेहतर परिणाम के लिए शिक्षको को समय पर स्कूल जाने और अनुशासन के साथ बच्चों को शिक्षा देने की बात कही, इसके साथ ही उन्होंने अभिभावकों से भी अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करने को कहा। इसका उद्देश्य यह है कि सभी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और वे अपनी क्षमता के अनुसार श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें। कलेक्टर ने यह भी कहा कि शिक्षकों और प्रशासन को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि शालाओं में आवश्यक संसाधनों और सुविधाओं की कमी न हो और सभी बच्चों को शिक्षा का समान अवसर मिले। कलेक्टर शर्मा ने गत वर्षाे के परीक्षा परिणाम से सीखते हुये और भी अच्छे परिणाम लाने और अच्छे से मन लगाकर पढ़ने का आग्रह किया।
पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू ने कहा की शिक्षा जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। उन्होंने कहा की ज्ञान हमारे जीवन में अंधकार को दूर कर प्रकाश लाता है। अभिभावक अपने बालक और बालिका के प्रति सतर्क रहते है क्योंकि बच्चा जब घर में पैदा होता है तो पहली पाठशाला उसका घर और पहला शिक्षक उसके माता पिता होता है, हर माता पिता की इच्छा होती है की उनका बच्चा पढ़े, और औपचारक शिक्षा के लिए वह अपने बच्चे को स्कूल भेजता है, ताकि भविष्य में शिक्षा ग्रहण कर सही और गलत चीज़ो को समझ सकें। उन्होंने विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, प्राचार्यों और अभिभावकों को नये शिक्षा सत्र के शुभारंभ और शाला प्रवेशोत्सव की बधाई दी।
जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव पर अवसर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। छात्रों ने नृत्य, गीत और नाटक प्रस्तुत किए, जिनमें भारतीय संस्कृति और परंपराओं की झलक देखने को मिली। इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया और पूरे माहौल को जीवंत बना दिया। कार्यक्रम के अंत में, छात्रों को शैक्षणिक सामग्री, जैसे किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य आवश्यक वस्त्र वितरित किए गए। इस प्रकार, शाला प्रवेश उत्सव का भव्य शुभारंभ न केवल बच्चों के लिए प्रेरणादायक रहा, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी एक यादगार अनुभव साबित हुआ। अंत में मुख्य अतिथियों द्वारा शाला परिसर में वृक्षारोपण किया गया।