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बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल के मुददों पर फरमान सुरक्षित

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इससे पूर्व, 17 मार्च, 2023 को बिजली विभाग के केंद्रीय नेताओं के खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था और सोमवार को उन्हें अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था।

इलाहाबाद उच्च ने प्रदेश के बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल के मुद्दों को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सोमवार को सुरक्षित रखा। इससे पूर्व, 17 मार्च, 2023 को बिजली विभाग के केंद्रीय नेताओं के खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था और सोमवार को उन्हें अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था। अदालत के 17 मार्च के निर्देश के अनुसार, बिजली विभाग के केंद्रीय नेता ने सोमवार को अदालत में पेश किया।

कार्य मुख्य न्यायधीश प्रितिंकर दिवाकर और कोरियोग्राफी और स्टेटिस्टिक्स सिंह की छात्रवृत्ति विभु राय नाम के एक वकील ने जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पिछले हफ्ते हड़ताल के बाद यह जनहित याचिका दायर की गई थी। सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने बिजली कर्मियों की हड़ताल को ग्रेविटास से लिया और राज्य सरकार को सूचना देने का निर्देश दिया कि इस हड़ताल से राज्य को कितना राजस्व नुकसान और अन्य तरह से नुकसान हुआ।

इसके अलावा, अदालत ने महाधिवक्ता से दोषी कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में पूछा। कोर्ट ने कहा कि यह मामला खत्म नहीं हुआ है, बल्कि यह मामला काफी गंभीर है। लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने के लिए कोई स्वतंत्र नहीं हो सकता। अदालत ने पूछा कि इन लोगों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। लोगों के जीवन को मुश्किल में नहीं चाहा जा सकता। सोमवार को मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत ने शुरुआत में कर्मचारी संघ के वकील से पूछा कि उनकी प्रतिक्रिया के अनुसार, इस हड़ताल से कितना नुकसान हुआ होगा। इस पर, कर्मचारी संघ के वकील ने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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