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स्वस्थ जीवन के लिए पानी की झलक बेहद जरूरी है। समय और उपयुक्त पानी पीने से शरीर में पानी की कमी (Dehydration) नहीं होती है। यदि आप पानी नहीं पिएंगे, तो आपको किसी विषय पर सोचने-समझने में भी परेशानी हो सकती है। मूड स्विंग कर सकता है। गर्मी के दिनों में तो पानी की कमी के कारण शरीर की अधिकता, उल्टी-दस्त की समस्या आम है। यहां तक कि कब्ज और किडनी स्टोन हो सकता है। इंसान का स्वास्थ्य ही नहीं, तीमारदार-सफाई और अफसर-पौधों के लिए भी पानी बहुत जरूरी है। इसलिए पानी के महत्व को पहचानना और उसका संरक्षण करना बहुत जरूरी है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल विश्व जल दिवस या विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाया जाता है।
विश्व जल दिवस (विश्व जल दिवस 22 मार्च)
स्वास्थ्य और प्रकृति के लिए ताजा पानी (ताजा पानी) के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ (संयुक्त राष्ट्र संगठन) के निर्देश में दुनिया भर के कई देशों में 22 मार्च को विश्व जल दिवस आयोजित किया जाता है। ताकि लोगों के पानी के संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन और स्वच्छता के महत्व को समझा जा सके। पहली बार अधिकृत रूप से रियो डी जनेरियो में इस दिन पर्यावरण और विकास पर हुए 1992 के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के लिए प्रस्तावित किया गया था। इसके बाद ही प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को जल विश्व दिवस मनाया जाने लगा।
जोड़ (जोड़), रीढ़ की हड्डी (रीढ़ की हड्डी) और आंत (आंत स्वास्थ्य) के लिए क्यों जरूरी है पानी भरना
हम सभी कहते हैं जल ही जीवन है। World Health Organisation (World Health Organisation) के हिसाब से हर महिला को रोजाना साढ़े तीन से भी ज्यादा (2.7 लीटर) पानी भरा जाना चाहिए। ग्रसित पानी शरीर के हर अंग के लिए जरूरी है। आइए जानते हैं शरीर को अखंडता के रूप में चलाने वाले जोड़ों (जोड़ों), रीढ़ की हड्डी (रीढ़ की हड्डी), आंत (आंत स्वास्थ्य) के लिए कितना जरूरी है पानी।
पानी की कमी से जोड़ों में दर्द (जोड़ों का दर्द) हो सकता है
फ्रंटियर्स इन मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित शोध लेख के अनुसार, शरीर से पदार्थ को निकालने के लिए हाइड्रेशन जरूरी है। इससे सूजन (सूजन) से लड़ने में मदद मिल सकती है। श्लेष द्रव (श्लेष द्रव) जो जोड़ों को प्रभावित करता है, मुख्य रूप से पानी से बना होता है। यह द्रवित जोड़ों के बीच की दीवार को कम कर देता है। यह स्वस्थ ऊतकों और जोड़ों को बनाए रखने में मदद करता है। यह संक्षिप्त बनाए रखने में भी मदद करता है। यह गाउट से बचाव में मदद कर सकता है। वजन बढ़ने से भी जोड़ों में परेशानी होती है। वजन का प्रबंधन करने के लिए भोजन से पहले पानी पीयें।

मसल्स क्रेम्प्स को बढ़ाता है (Muscles Cramps)
आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ अमेरिका के अनुसार, पानी की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन (Muscles Cramps) होती है। इससे भी जोड़ों में दर्द (जोड़ों का दर्द) होता है। क्रोनिक डिहाइड्रेशन (क्रोनिक डिहाइड्रेशन) के परिणामस्वरूप रक्त की मात्रा में कमी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप ज्वाइंट डिजनरेशन (संयुक्त अध: पतन) हो सकता है। जॉइंट्स को पर्याप्त रूप से फील्डिंग और सूजन को कम करने के लिए पानी जरूरी है। इसके लिए प्रति दिन लगभग 8 टम्बलर पानी का चक्कर और फ्लूइड डाइट लेना जरूरी है।
निर्जलीकरण के कारण रीढ़ की हड्डी में पानी की कमी (रीढ़ की हड्डी) हो सकती है
अफ़्रीकन जर्नल ऑफ़ डिसएबिलिटी में प्रकाशित शोध लेख के अनुसार, जब शरीर उत्तेजित नहीं होता है, तो डिस्क में द्रव की मात्रा कम हो जाती है। इसके कारण इसकी शार्ट घट भी हो सकती है। तनाव से सूजन हो सकती है। इसके कारण परेशानी हो सकती है। निर्जलीकरण के कारण रीढ़ की हड्डी में पानी की कमी हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप पीठ दर्द होता है। हर्नियेटेड डिस्क भी हो सकती है।.सांसों की बदबू, डार्क यूरिन, हमेशा थकान महसूस होना, सिरदर्द, सूखी त्वचा, मांसपेशियों में ऐंठन, सूखी आई, चक्कर आना भी पानी की कमी हो सकती है। अध्ययनों में पाया गया है कि। डीहाइड्रेशन के कारण सेरेब्रोस्पाइनल द्रव घनत्व पर प्रभाव पड़ा। रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने के लिए फल और उचित मात्रा में प्रबल होता है, क्योंकि इनमें से भी पानी होता है। कम से कम 1 से 1.5 लीटर पानी पियें।
गट हेल्थ की स्थिति के लिए जरूरी है (आंत स्वास्थ्य)
ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग अधिक पानी पीते हैं, उनमें से स्ट्रेटइंटेस्टाइनल संक्रमण बनने वाले बैक्टीरिया कम होते हैं। नाजुक रहने से स्वास्थ्य को समग्र रूप से लाभ मिलता है। जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के अनुसार, यदि आपके शरीर में पानी की कमी है, तो बड़ी निगरानी की गई भोजन में जो भी पानी होता है, सिक्सिंग लेता है।

इससे बोवेल आंदोलन सही तरीके से नहीं मिलता है। यही दर्द और कब्ज हो जाता है। पानी और अन्य ट्राल पदार्थ भोजन को तोड़ने में मदद करते हैं, ताकि शरीर पोषक तत्वों को अवशोषित कर सके। पानी कभी भी जमा हो जाता है, जो कब्ज को रोकने में मदद करता है। इसलिए आज 7 ग्लास से अधिक पानी पियें।
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