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एमआर इंडिया मूवी के दौरान सतीश कौशिक से इतने नाराज हुए बोनी कपूर, जीरो मंडे मोटिवेशन से की थी करियर की शुरुआत

सतीश कौशिक ने अपने करियर की शुरुआत जीरो से की है। जीरो से मतलब एक ऐसा बच्चा जो दिखने में एवरेज था, जिसकी फिल्मी दुनिया से कोई कनेक्शन नहीं था…बस रिश्ता था तो एक और वो ये कि फिल्मी सितारों को देखना, फिल्में देखना उन्हें बहुत पसंद था। ऐसा तो शायद 100 में से 90 लोगों के साथ होता है, लेकिन इस तरह अपने जुनून को लक्ष्य देना हर किसी के लिए संभव होता है। इसलिए सतीश कौशिक की कहानी ऐसे लोगों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है जो फिल्म इंडस्ट्री को लेकर सपने देखते हैं। सतीश कौशिक ने जब इंडस्ट्री में एंट्री की थी तो शुरुआत एक आम लोगों की तरह से ही हो रही थी। जानिए, उनका पूरा किस्सा।

सतीश कौशिक अपने माता-पिता के साथ दिल्ली के करोल बाग में रहते थे। उनके 5 और भाई-बहन थे। पिता हरिसन स्विच कंपनी में काम करते थे और वो 300 रुपये में अपना पूरा परिवार चलाते थे। ट्रिगर को इतना मेहनत करते देखकर सतीश काफी परेशान होते थे और उन्होंने तभी सोच लिया था कि एक न एक दिन मैं बड़ा काम करूंगा और उन्होंने ये कर भी दिखाया। हालांकि, जब सतीश ने फिल्म इंडस्ट्री में जाने की बात अपने पिता से कही तो उन्हें ये बात पसंद नहीं आई और यहां तक ​​कह दिया कि ये इंडस्ट्री हमारे लिए नहीं है और ऊपर से उनकी शक्ल भी अच्छी नहीं है। सतीश ने बड़े भाई को भी अपना ये सपना बताया जिस पर वो गुस्से से बौखला गए थे और उन पर चारपाई दे मारी थी। खैर, सतीश ने आखिरकार एक दिन अपना घर छोड़ दिया और बड़े भाई उन्हें ट्रेन से वापस लौट आए और उन्होंने सतीश का सपना पूरा होने का आशीर्वाद दिया।

मुंबई में ही आते हैं कटोरा मिल में मिला काम

सतीश कौशिक ने अपने परिवार की मर्जी के बगिया घर छोड़ दिया था और फिल्म इंडस्ट्री में नाम तमाने का सपना लेकर ट्रेन पकड़कर सीधे मुंबई आ पहुंचे थे। सतीश कौशिक उन सितारों की तरह नहीं रहे जो मुंबई आने वाले स्टेशन पर रातें रहने वाले हों या फिर भटकते हुए उठे। उन्होंने बताया था कि इस मामले में वो लकी रहे और उनके दोस्तों ने उन्हें कभी भूखा नहीं रहने दिया। उन्होंने ये भी कहा कि मुंबई में ही उन्हें एक दोस्त की मदद से एक कटोरा मिल में काम मिला था, जहां वो अकाउंट का काम करते दिखे। इससे उन्हें रहने और खाने की कभी कोई परेशानी नहीं हुई। इस वजह से वह अपने लिए एक्टिंग भी एक्सप्लोर करते रहे और उनका रहना-खाना भी चलता रहा।

बोनी ने पहली फिल्म में सतीश को दिए थे 200 रुपये और बोनस

फिल्म डायरेक्टर बोनी कपूर ने सतीश कौशिक की फिल्म का पूरा किस्सा खुद सुना था। उन्होंने ‘जीना इसी का नाम है’ शो पर कहा था, ‘उस वक्त मैं एक फिल्म बना रहा था जिसका नाम था वो सात दिन। इस फिल्म में अनिल कपूर के साथ नसीर थे। फिल्म में एक किरदार के लिए हमें एक फ्लावर वेंडर दिया जाना था और इसके लिए एक डायलॉग बोलने वाले कलाकार को दिया जाना था। तब उन दिनों हम पृथ्वी थिएटर करते थे और शायद हमने शायद ही कभी सतीश कौशिक को एक प्ले में देखा था। मैंने फ्लावर वेंडर के रोल के लिए सतीश का फैसला किया और हमने उन्हें आउटकास्ट ढूंढा। 200 रुपये में तय किया गया। अभिनय में लग रहा है जब कर ली तो कि काम तो यह 200 से अच्छा किया है। अनिल ने कहा कि बोनस दें दें। मेरे ख्याल से 200 की जगह तब हमने सतीश को 500 दे दिए।’

बोनी कपूर सतीश कौशिक को फिल्म से बाहर करने के मूड में थे

इस मजेदार किस्से पर सतीश कौशिक ने आगे यह भी कहा, ‘वो 500 बाद में इसे बहुत ले जाते हैं।’ बोनी कपूर ने सुना, ‘इसके बाद हमारी फिल्म मिस्टर इंडिया में शुरू हुई और पहले ही दिन मैंने सतीश को सेट पर डांट दिया था। डायरेक्टर घूम रहा था, लेफ्ट-राइट कर रहा था और ये मुख्य अतिथि तुरंत खड़े होकर निर्देश दे रहे थे। मैंने कहा कि ये मुकदमा खाता है, एक तरफ निदेशक काम कर रहे हैं और ये समय पर सत्य निर्देश दे रहे हैं। मेरी आवाज़ इस पर ही टंगी थी कि अगर वापस ऐसा हुआ तो इसे बाहर कर दें, लेकिन फाइनल हुआ से निकालने की जगह मैं इन्हें पसंद करने लगा। इसकी संवेदनशीलता, नामांकन सब शानदार था और धीरे-धीरे ये और प्रभावित कर रहा था और मुझसे ज्यादा यह जावेद साहब तो प्रभावित कर लिया था। मिस्टर इंडिया जब चल पड़ा तो मैंने अगला सोचा कि पिक्चर के बारे में सोचूं।’

सतीश कौशिकी की पहली फेक फिल्म

बोनी कपूर ने आगे कहा, ‘हमने तय किया कि कौन सी बड़ी तस्वीर होगी जिसमें अनिल और श्रीदेवी को लीड रोल में शामिल होगा सतीश को कास्ट करेंगे और संजय को जिससे लॉन्च करेंगे उसे शेखर से कहेंगे डायरेक्ट करने को।’ सतीश ने कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि जैसे रानी चोरों के राजा में 501 रुपये जाने वाले हैं। इस फिल्म की रानी के रूप में मैंने 5 साल में वो वेल नॉन डिजास्टर बना दिया। तब मेरी बोनी से हार नहीं मानी गई थी कि पिक्चर जैसी हो रही है। क्योंकि मेरी तो पहली फेलियर थी।’

सतीश सुसाइड करने के मूड में थे

बोनी ने सतीश के बारे में कहा, ‘ये तो सुसाइड करने के लिए तैयार थे। सतीश कभी चलती गाड़ी से उतरना चाहते थे तो कभी होटल के कमरे से जुडना चाह रहे थे। ये बात हैदराबाद तक चली गई थी।’

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सतीश ने कहा- वे सुसाइड को भी सीरियसली नहीं लेंगे

सुसाइड वाले किस्से पर सतीश ने कहा, ‘मेरी किस्मत थी कि मैं फ्लोर पर था उस समय और नीचे खाना लगा था। मैंने कहा कि अगर मैं यहां से कूद पड़ा और कहीं मैं नीचे सीधे बैंगन की सब्जी में गिरा तो लोग कहेंगे कि अरे यार ये कहीं खाने के चक्कर में तो नहीं गिरना पड़ा! वे सुसाइड को भी सीरियसली नहीं मारेंगे।’

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अनिल कपूर परिवार का हिस्सा थे

बाद में धीरे-धीरे सतीश केवल फिल्मों के सेट पर ही नहीं बल्कि अनिल कपूर और बोनी कपूर का परिवार भी काफी बंद हो गए थे। अनिल कपूर ने भी कहा था कि परिवार के बाद वो बस आप ही जिनपर मैं गारंटी दे सकता हूं। उन्होंने कहा था कि आप सिर्फ एक दोस्त नहीं बल्कि हमारे परिवार का हिस्सा हैं।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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