उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गोरक्षपीठ के महंत योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई और योगी ने 19 मार्च, 2017 को पहली बार पद की शपथ ली थी।
लखनऊ/अयोध्या। उत्तर प्रदेश में लगातार छह साल तक नौकरी पर रहने का नया रिकॉर्ड बनाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह अयोध्या पहुंचकरगढ़ी में संकट मोचन हनुमान जी और रामलला के दर्शन-पूजन किए तथा आरती एवं परिक्रमा की। उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गोरक्षपीठ के महंत योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई और योगी ने 19 मार्च, 2017 को पहली बार पद की शपथ ली थी।
2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फिर से बहुमत मिलने के बाद योगी ने 25 मार्च, 2022 को दोबारा: श्री पद की शपथ ली। योगी ने छह साल का कार्यकाल पूरा होने की वर्षगांठ और वर्ष में लगातार सबसे ज्यादा समय तक बनने का रिकॉर्ड बनाने के लिए रविवार को अयोध्या पहुंचकर सबसे पहले हनुमानगढ़ी के दर्शन-पूजन किए। संकट मोचन हनुमान जी के दर्शन कर योगी आदित्यनाथ ने सुखी-स्वस्थ उत्तर प्रदेश की कामना की।
इसके बाद भोपाल ने रामलला के दर्शन-पूजन किए और आरती एवं परिक्रमा की। उन्होंने राम मंदिर का निर्माण भी काफी हद तक प्रगति की। इससे पहले अयोध्या पहुंचें राम कथा हेलीपैड पर भोपाल को लाइसेंस दिया गया। रविवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार योगी आदित्यनाथ के बनने की घोषणा 18 मार्च 2017 को हुई थी और अगले दिन उन्होंने उत्तर प्रदेश के लिए पद की शपथ ली थी। योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को काशी में बाबा विश्वनाथ दरबार में मत्था टेका था और काल भैरव के दर पर भी शीश झुकाया था।
बयानों में कहा गया कि बाबा विश्वनाथ एवं श्री राम-संकट मोचन हनुमान के आशीर्वाद से योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के लगातार सबसे अधिक समय तक भर्ती का रिकॉर्ड भी स्थापित किया। रामलला दर्शन के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने योगी आदित्यनाथ को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। लखनऊ में शनिवार को एक समारोह में रक्षा मंत्री सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल का छह साल पूरा होने पर कहा, ”शायद आप लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि आज की तारीख और दिन हम सबके लिए बहुत कुछ महत्वपूर्ण है, उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए भी आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज ही के दिन अपने कार्यकाल के छह साल का पूरा कर रहे हैं।” रक्षा मंत्री ने कहा, ”मैं कह रहा हूं। हो सकता है कि आज तक इतने लंबे समय तक (राज्य में) कोई नहीं रहा है, डॉक्टर संपूर्णानंद जी अब तक के सबसे अधिक समय तक रहने वाले थे, लेकिन उनके रिकॉर्ड को किसी ने तोड़ा है तो योगी आदित्यनाथ जी ने।”
अटैचब है कि डॉक्टर संपूर्णानंद ने 28 दिसंबर 1954 को पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और उनका कार्यकाल नौ अप्रैल 1957 तक रहा। डॉक्टर संपूर्णानंद ने 10 अप्रैल 1957 को सदस्य पद की शपथ ली और छह दिसंबर 1960 तक वह इस पद पर बने रहे। डॉक्टर संपूर्णानंद के कार्यकाल के लगातार छह साल पूरे होने में कुछ दिन गड़बड़ियां रह गईं। रामलला के दर्शन के बाद योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर का निर्माण की प्रसिद्धी की। चंपत राय ने श्री को निर्माण से जुड़ी जानकारी दी। योगी आदित्यनाथ ने यहां कार्य कर रहे हुए से भी हालचाल पूछा।
अत्याचारी है कि मंदिर का 70 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। साइट के अवलोकन के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद हैं। योगी आदित्यनाथ ने अशर्फी भवन पीठ के तहत नवनिर्मित श्रीरामकृतु स्तंभ एवं श्रीरामलला भवन के लोकार्पण पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा क,” श्री राम जन्मभूमि पर रामलला के विराजमान होने के पूर्व यहां श्रीरामकृतु के भव्य लोकार्पण का कार्यक्रम संपन्न हुआ, यह मेरे इसलिए पूर्ण करने वाला क्षण है।” उन्होंने कहा, यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस पवित्र स्थल पर नाम और नामी दोनों विराजमान हैं। रामचरित मानस में कलियुग केवल नाम अधारा, सुमरि-सुमरि नर उतरहिं परी अर्थात कलियुग में नाम का महत्व है। इसके बारे में यह भी कहा गया है कि जापान से सौ गुना अधिक पुण्य नाम क्रिएट करता है।
यहां जारी एक बयान में योगी ने कहा, यहां 28 करोड़ नाम रामकृतु में संरक्षित किए गए हैं, इसमें निरंतर वृद्धि होती दिखाई देगी और इसका पुण्य अनंत काल तक हमें न केवल सन्मार्ग पर ले चल, बल्की जीवन के समृद्धि के मार्ग पर अधिकार करने की प्रेरणा प्रदान करेगा। सर ने कहा, श्रीरामकृतु में प्रभु का नाम है। लेखन के माध्यम से प्रभु के 28 करोड़ नाम को संरक्षित कर हम पुण्य के भागी बन सकते हैं। जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज को बधाई देते हुए योगी ने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के पूर्व अयोध्यावासियों की संख्या को देखते हुए वे (जगदगुरु) भव्य धर्मशाला और अतिथिशाला का निर्माण करते हैं, हर अजनबी को ऐसा करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यहां सरकार बुनियादी सुविधाओं के लिए सबसे बेहतर काम कर रही है। यह भी कहा कि बिजली की लागत कम करने के लिए सौर ग्रहण का उपयोग किया जाना चाहिए। भोपाल ने कहा कि सूर्यवंश की राजधानी को सौर शहर के रूप में विकसित करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप कार्य को गति देने में सफलता प्राप्त होगी। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के मणिराम दास शिवनी में महंत नृत्य गोपाल दास (श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष) से भी मिलने की और उनसे श्री राम मंदिर के निर्माण पर चर्चा की। कंजेशन्स में कहा गया कि सर ने उनके स्वास्थ्य की भी जानकारी ली।
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