मुंबई। पुराने फिल्मी जुड़ाव को आप अक्सर सुनते हैं कि उनमें से कोई एक ताजगी महसूस करता है। गाने के बोल हों, संगीत हो या फिर आवाज हो…सब कुइ इतने अच्छे तरीके से गढ़ा जाता था कि वे हर जगह बन जाते थे। यही कारण है कि पुराने मान्यता की अहमियत अब भी बनी है। आज सॉन्ग ऑफ दी वीक 1969 में आई आई फिल्म ‘प्रिंस’ के फेमस सॉन्ग्स में आप भी हैं ‘बदन सितारे…’ के बारे में उद्धरण हैं।
‘प्रिंस’ फिल्म के लेख का निर्देशन टंडन ने किया था और इसे अबरार अल्वी ने लिखा था। फिल्म में शम्मी कपूर, वैजयंती मातृभूमि, अजीत और राजेन्द्र नाथ ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के संगीत की बात करें तो गाने शंकर जयकिशन ने कम्पोज किए थे। फिल्म के गाने हसरत जयपुरी और फारुख कासिर ने लिखे थे। वहीं, मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर और आशा भोसले ने फिल्म के लिए आवाज दी थी।
‘प्रिंस’ (1969) में शम्मी कपूर और वैजयंतीमाला
तुरंत मिले बोल, झटपट संगीत बन गया
कई बार मानने के बनने की कहानी बहुत खास होती है। इस सदाबहार गाने के बनने की कहानी भी बेहद अलग है। किताब ‘यस्टरडेज मैलोडिस, टूडेज मैमोरीज’ के मुताबिक, हसरत जयपुरी एक दफा जयकिशन के साथ एक नाइट क्लब में गए थे। इस दौरान एक कैबरे डांसर दिखाई दिया जो लाइट से बनी ड्रेस पहनकर प्रदर्शन कर रहा था। वह हसरत और जयकिशन के पास डांस करते हुए आई और चली गई। बस, उसी वक्त हसरत जयपुरी के दिमाग में शब्द आया, ‘बदन पे सितारे लिपटे हुए, ओ जाने एक तमन्ना, किधर जा रही हो…’। उसी वक्त जयकिशन ने भी गाने की शुरुआती धुन तैयार कर दी थी।
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गाने की जान हैं 5 लोग
इस गाने को 5 लोगों ने मिलकर खास बनाया था। पहले हसरत जयपुरी जिनके दिमाग में यह बोल आया, दूसरे शंकर जयकिशन की जोड़ी, जिन्होंने इसे कर्णप्रिय संगीत दिया, तीसरे मोहम्मद रफी, जिन्होंने गाने में जान फुंक दी और चौथे-पांचवे हैं शम्मी-वैजयंती, जिन पर यह गाना चुना गया, उन्होंने अपने गीत को चुना अंदाज से गाने को हमेशा के लिए खास बनाया गया।
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पहले प्रकाशित : 19 मार्च, 2023, 05:30 IST