
‘निकल जाएंगे इस मुश्किल दौर से भी’
फिल्म उद्योग से जुड़े माहौल के बारे में बात करने पर जाने माने फिल्म निर्माता आनंद पंडित कहते हैं, ‘फिलहाल किसी को भी दर्शकों की पूरी जानकारी नहीं है। इसलिए सभी लोग नए माहौल में पर्दे की कोशिश कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि हो सके तो कुछ पैच वर्क करके अपनी फिल्म को आज के होश से बदल दें। वे चाहते हैं कि कोरोना के दौरान शॉट की वजह से फिल्म को छोटे और पैसे में अच्छी फिल्म बनाएं। मेरे खयाल से कुछ फिल्मों की यादें ताजा हो रही हैं। इसलिए फिल्म निर्माता संभलकर फिल्मों की रिलीज की घोषणा कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग सीधे-सीधे देखे जा रहे हैं तो कुछ लोग ये देख रहे हैं कि दूसरे लोग अपनी फिल्म की घोषणा कर रहे हैं तो मैं भी रिलीज की घोषणा कर दूं।’
‘सिनेमा ने हमेशा खराब का सामना किया’
उसी समय फिल्म के निर्देशक हंसल मेहता कहते हैं कि सिनेमा हमेशा किसी के प्रति आकर्षित होता है। अबकी बार भी हम इस मुश्किल दौर से निकल जाएंगे। वह कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि ऐसा हमेशा होता है। भरत शाह के साथ जब अनबन हुई तब फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे ही हालात पैदा हुए थे। गुलशन कुमार जी की हत्या के समय में भी ऐसी ही स्थितियाँ थीं। तब भी लोग कहते थे कि इंडस्ट्री खत्म हो गई, अब कोई फिल्म नहीं आएगी। वी अधिकार आया, उसके बाद डीवीडी आया, जिससे लोग घर पर फिल्म देख सकते थे। लेकिन फिर भी सिनेमा माध्यम आगे बढ़ रहा है। इसलिए मुझे मुझे लगता है कि सिनेमा अब भी तमाम मुश्किलों से जीतकर आगे बढ़ता रहेगा।’
‘बीच में नहीं है अब कोई रास्ता’
प्रोड्यूसर और फिल्म बिजनेस एनालिस्ट गिरश जौहर का मानना है कि अब दर्शकों का टेस्ट पूरी तरह से बदल गया है। वह कहते हैं, ‘आजकल दर्शकों को बीच का रास्ता समझ नहीं आ रहा है। पहली खराब फिल्में भी एक दो हफ्ते तक चलती रहती हैं। लेकिन आजकल अगर फिल्म में दम नहीं है, तो उसके लिए पहले वीकेंड पर भी दर्शक जुटाना मुश्किल हो जाता है। वहीं अगर फिल्म दर्शकों को पसंद आ रही है, तो वे उसे 50 दिनों तक सिनेमा में देखते रहेंगे। और तो और फिल्मों की ओटीटी रिलीज के बाद भी दर्शकों को अच्छी फिल्में देखने को मिल रही हैं। इनमें कांटारा से लेकर दृश्यम 2 और पठान जैसी फिल्में शामिल हैं।’ वहीं हॉलिवुड फिल्मों के हिंदी संस्करण के वीडियो डायलॉग लिखने वाले चर्चित स्क्रीन राइटर म्यूर पूरी बॉलिवुड में अच्छी स्क्रिप्ट की कमी को फिल्मों की नाकामी की सबसे बड़ी वजहें हैं। वे कहते हैं, ‘मुझे ऐसा लगता है कि बॉलिवुड को सीखने और समझने की जरूरत है। हमने 2-3 साल तक खराब कॉन्टेंट बनाया। बाद में उन्हें लगा कि इस कॉन्टेंट से कुछ नहीं हो रहा है। समझ नहीं आता कि लोग कैसा कॉन्टेंट पसंद करते हैं और कैसा नहीं। जबकि क्रिएटर बहुत जल्दी समझ जाते हैं कि क्या चल रहा है और क्या नहीं। हालांकि मैं सुनता हूं और देखता रहता हूं कि चीजें ठीक करने की कोशिश हो रही है। मुझे लगता है कि हम पहले चुनेंगे कि हममें कौन सी चीजें अच्छी हैं। जो ताकतें हमारी है उसे लेकर चलती है। ये हमारे लिए बहुत मुश्किल साल है।’













