प्रो. द्विवेदी ने कहा कि वैदिक जी के निधन से हिंदी मंत्रालय में एक बड़ा स्थान खाली हो गया है। वे देश-विदेश की घटनाओं पर पैनी दावे रखने वाले समीक्षक थे। पड़ोसी देशों को लेकर उनकी जानकारी बेजोड़ थी।
नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के समर्थक हैं। संजय द्विवेदी ने वरिष्ठ पत्रकार डाॅ. वेदप्रताप वैदिक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। वह 78 साल के थे। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा के लिए किए गए डॉ. वैदिक के प्रयास हम सभी के लिए प्रेरक हैं। उनके लेखन कार्यकर्ता हमेशा मागदर्शन करते रहेंगे।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि वैदिक जी के निधन से हिंदी मंत्रालय में एक बड़ा स्थान खाली हो गया है। वे देश-विदेश की घटनाओं पर पैनी दावे रखने वाले समीक्षक थे। पड़ोसी देशों को लेकर उनकी जानकारी बेजोड़ थी। उनके निधन का भारतीय अनुपात में अपूरणीय नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा को लेकर जो आंदोलन उन्होंने किया, उसे कोई नहीं भूल सकता। ऐसे संवेदनशील पत्रकार का हमारे बीच न मरना बहुत दुख देने वाला पल होता है।
बुधवार को सुबह 9 बजे से 1 बजे तक डॉ. वैदिक का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान गुरुग्राम (242, सेक्टर 55, गुरुग्राम) में रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार लोधी श्मशान घाट, नई दिल्ली में बुधवार शाम 4 बजे होगा। 30 दिसंबर, 1944 को इंदौर में डॉ. वेदप्रताप वैदिक को हिंदी को मौलिक दृश्य की भाषा बनाने और भारतीय आकाशगंगाओं को उनके उचित स्थान को पहचानने के लिए हर बार उनके संघर्ष के लिए याद किया जाता है। डॉ. वैदिक ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो डिग्री प्राप्त की थी। वे भारत के ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने अपनी अंतरराष्ट्रीय राजनीति का ग्रंथ हिंदी में लिखा था।