<पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"राजस्थान समाचार: राजस्थान की गहलोत सरकार पशुपालकों को नई तकनीकों का प्रशिक्षण देगी। पशुपालक प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए अशोक गहलोत ने 5.18 करोड़ रुपये का मौज प्रदान किया है। एक साल में कुल 36 बंध आयोजित किए गए 1080 पशुपालकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने अलवर, नागौर, भरतपुर, सीकर और मंगलवार में पशुपालक प्रशिक्षण का पता लगाने का निर्णय लिया है।
पशुपालक प्रशिक्षण केंद्र खोलने और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था करने के लिए 5.18 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है। प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र से 1080 पशुपालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस तरह सभी पांचों अपरिचित में प्रति वर्ष 5400 पशुपालक सीखने का लाभ उठाएंगे।
<p style="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"पशुपालकों को राजस्थान सरकार नियुक्त करती है
4.50 करोड़ की लागत से प्रशिक्षण केंद्र के लिए वैकल्पिक विकल्प का कार्य और नई संभावनाओं का निर्माण किया जाएगा। कोर्स पर प्रशिक्षण संचालित करने के लिए 18 लाख रुपये और आवश्यक धनराशि जैसे फर्नीचर, ऑडियो-वीडियो विज्ञापन, कंप्यूटर, फोटोकॉपीियर, प्रोजेक्टर, टीवी, ग्लास बोर्ड के लिए प्रति प्रशिक्षण केंद्र 10-10 लाख रुपए पर कब्जा किए गए हैं। राजस्थान सरकार पशुपालन में उपलब्ध रोजगार के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रही है।
<p style="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"कामधेनु दायरे योजना का भी लाभ उठा सकते हैं
कामधेनु दायरे योजना का लाभ जुड़कर या फॉर्म फॉर्म भरकर रोजगार प्राप्त किया जा सकता है। राजस्थान ने देसी गाय की हाईटेक दायरे को बढ़ावा देने के लिए कामधेनु दायरे योजना की शुरुआत की है। योजना के अनुसार प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश में कामधेनु योजना के नियंत्रण का जिम्मा पशुपालन विभाग को शुरू किया गया है। आरोपित है कि गहलोत सरकार ने बजट वर्ष 2023-24 में पशुओं को बड़ा सौगात दिया था। पांच कमजोर में पशुपालक प्रशिक्षण केंद्र से पशुपालकों की बड़ी आबादी को रोगजाग और आय का साधन उपलब्ध होगा।
<p style="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"प्याज की कीमत में बढ़ोतरी: गर्मियां आती हैं बाजार में बढ़ते प्याज के दाम ही, सफलता हुई अच्छी पर किसानों को नहीं मिल रहे खरीदार