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नंशे बंधन पर थी परिवार की जिम्मेदारी, 10 साल की उम्र में बन गई थी एक्ट्रेस, बगा शादी ताउम्र बनी हुई विधवा

नई दिल्ली: हिंदी सिनेमा की पॉपुलर अभिनात्री थीं नंदा (नंदा)। 10 साल की उम्र में ही उनके छत पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। करिअर की शुरुआत में उन्होंने हीरो की छोटी बहन की भूमिका की पहचान करना शुरू किया था। पहचान बनाने के बाद लीड रोल में नजर आई थीं। नंदा को पहचान फिल्म ‘जब-जब फूल खिले’, ‘गुमनाम’ और ‘प्रेम रोग’ जैसी हिट फिल्मों के जरिए मिली थी। आज हम आपको नंदी की जिंदगी की ऐसी दर्दभरी कहानी बता रहे हैं, जिससे उन्हें लगता है कि उनके नसीब में प्यार ही नहीं था।

फिल्मी करिअर की शुरुआत करने की नंदा की बड़ी दिलचस्प कहानी है। स्कूल से आते ही पिता ने कहा था कि शूटिंग हो रही है, तैयारी कर रहे हैं। ये देश देश की एक्ट्रेस के लड़कों पर अत्याचार किया गया था। नंद के पिता विनायक दामोदर कर्नाटक मराठी फिल्मों के जाने माने अभिनेता और निर्देशक थे। अपने लंबे बालों के लिए नंदा राजी नहीं था, लेकिन पिता के कहने पर जोर देते हैं। मां के समझाने के बाद वह शूटिंग पर जाने के लिए तैयार हो गई थीं।

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छोटी उम्र में कंधे पर आ गई थी परिवार की जिम्मेदारी
नंदा ने ब्वॉयज वाला हेयरकट फिल्म ‘मंदिर’ के लिए जांच की थी। इस फिल्म का निर्देशन नंदा के पिता ने ही किया था। लेकिन फिल्म का काम पूरा होने से पहले ही उनके पिता की मौत हो गई। इसके बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी नंदा के आवास पर आ गई। घर की आर्थिक स्थिति भी कुछ ठीक नहीं थी। मजबूरी में नंदा ने एक्टिंग की दुनिया में करिअर बनाने का फैसला लिया था। 10 साल की उम्र में ही हिन्दी और मराठी सिनेमा में जोड़ा एक्ट्रेस काम करने लगीं। फिल्मों में नंदा ने 1957 की फिल्म ‘तूफान और दिया’ में काम किया था।

निर्देशक से करती थीं बेइंतहां
अपनी अभिनय यात्रा में नंदा ने ‘असली’ (1974), ‘जुर्म और सजा’ (1974) और ‘प्रयाश्चित’ (1977) जैसी फिल्मों में काम किया। लेकिन एक देर के बाद नंदा का लगाव हो गया कि उनका करिअर खत्म होने वाला है। देखते ही देखते अभिनय की दुनिया घटने लगी। परिवार के विवरण में उलझकर वह अपने बारे में कभी सोच ही नहीं पाईं। नंदा डायरेक्टर मनमोहन देसाई को पसंद करती थीं। लेकिन कभी अपना हाल ए दिल ब्यां नहीं कर पाईं और देसाई ने भी किसी और से शादी कर ली।

ताउम्र काटी विधवा बनकर जीवन जीते हैं
मनमोहन की शादी के बाद नंदा गुमनामी के अँधेरों में कहीं खो गए। लेकिन मनमोहन की पत्नी का भी कुछ समय बाद निधन हो गया। इसके बाद मनमोहन ने नंदा को अपने प्यार का पैगाम भेजा। नंदा ने भी ये प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया और 52 साल की उम्र में साल 1992 में उन्होंने मनोज संग सगाई कर ली लेकिन किस्मत को कुछ और ही बंधक बनाया था। सगाई के दो साल बाद ही मनमोहन देसाई भी एक हादसे में इस दुनिया को अलविदा कह गए। इसके बाद नंदा ने ताउम्र के बिना शादी कर ली और 75 साल की उम्र में 25 मार्च 2014 को मुंबई में उनका निधन हो गया।

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