
पौडेल ऐसे समय में राष्ट्रपति चुने जाते हैं जब राजनीतिक संभावना बढ़ रही है और पदक कमल दहाल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व में कमजोर गठबंधन सरकार शासन कर रही है।
नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र पौडेल बृहस्पतिवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में विजयी घोषित किए गए हैं और वह देश के तीसरे राष्ट्रपति होंगे। पौडेल ऐसे समय में राष्ट्रपति चुने जाते हैं जब राजनीतिक संभावना बढ़ रही है और पदक कमल दहाल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व में कमजोर गठबंधन सरकार शासन कर रही है। पौडेल आठ दलों के गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार थे जिनमें शामिल नेपाली कांग्रेस और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी- माओवादी केंद्र (CPN- माओवादी केंद्र) शामिल हैं।
पौडेल को संसद के 214 सदस्यों और प्रांतीय विधानसभाओं के 352 सदस्यों का समर्थन मिला। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने ट्वीट किया, ”राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर मेरे मित्र रामचंद्र पौडेल को हृदय से बधाई। उनके खिलाफ उनके पूर्व प्रधान मंत्री केपी शर्मा ‘ओली’ नीत कम्युनिस्ट ऑफ नेपाल-एकीकृत मार्क्सवादी पार्टी लेनिनवादी (सीपीएन-यू कॉलेज) के सुभाष नेमबांग मैदान में थे।
वर्ष 2008 में देश को गणतंत्र घोषित किए जाने के बाद यह तीसरा राष्ट्रपति चुनाव है। नेपाल की निवर्तमान राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो रहा है। राष्ट्रपति चुनाव में कुल 882 सदस्य हैं जिनमें 332 सदस्य संसद के हैं जबकि 550 सदस्य सात प्रांतीय विधानसभाओं के हैं। निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता शालिग्राम ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव में प्रांतीय विधानसभाओं के 518 सदस्यों और संसद के 313 सदस्यों ने हिस्सा लिया।
पौडेल ने इससे पहले विश्वास जताया था कि विधायिका के सदस्य इसके पक्ष में मतदान करेंगे। उन्होंने कहा, ”मैं पूरी तरह से प्रभावित हूं कि संघीय संसद और प्रांतीय एसेंबली के सदस्य वोट देंगे। मेरा मानना है कि वे मेरे लंबे संघर्ष के बारे में सही निर्णय लेंगे।” चुनाव के नतीजे मुख्यमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार की स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं।
पौडेल को राष्ट्रपति पद के चुनाव में समर्थन देने को लेकर राजनीतिक विवाद के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा के नेतृत्व वाली सीपीएन-यू एमएल ने मौजूदा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। सीपीएन-यू विधायक नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। राष्ट्रपति के कार्यकाल की अवधि निर्वाचकों की तारीख से पांच वर्ष होगी और एक व्यक्ति को इस पद पर केवल दो कार्यकाल के लिए ही चुना जा सकता है।
राष्ट्रपति का पद हालांकि काफी हद तक अधिकृत है, लेकिन संविधान प्रत्त विवेकाधीन शक्तियों के कारण नेपाल के राजनीतिक दलों ने हाल के दिनों में इस पद के लिए रुचि दी है। राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने राष्ट्रपति चुनाव में तटस्थ रहने का फैसला किया है। इसके प्रतिनिधि सभा में 14 और प्रांतीय विधानसभाओं में 28 सदस्य हैं। नेपाल के कार्यकर्ता ऐंड पीजेंट पार्टी ने भी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लिया।
पौडेल का जन्म 14 अक्टूबर 1944 को बाहुनपोखरी में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था और 16 साल की उम्र में ही वह राजनीति से जुड़े हुए थे। वर्ष 1970 में वह नेपाली कांग्रेस की छात्र इकाई नेपाल छात्र संघ के सदस्य बने। पौडेल वर्ष 1980 में नेपाली कांग्रेस (प्रतिबंधित) तनहुं जिला समिति के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए। वर्ष 1987 में उन्हें संबद्ध किया गया और पार्टी की केंद्रीय कार्य समिति में रखा गया। इसी साल उन्हें पार्टी प्रचार समिति का सदस्य बनाया गया।
वर्ष 2005 में पौडेल पार्टी के महासचिव बने, वर्ष 2007 में उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने वर्ष 2015 में कार्यवाहक अध्यक्ष की भूमिका निभाई थी। उन्होंने वर्ष 1985 में सत्याग्रह में सक्रिय भूमिका निभाई। पौडेल ने वर्ष 1990 में पहला जन आंदोलन और वर्ष 2006 में जन आंदोलन के अन्य हिस्सों में भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अधिनायकवादी पंचायती राज के खिलाफ 12 साल की जेल में समूहों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। पौडेल पहली बार वर्ष 1991 में तनहुं जिले से प्रतिनिधि सभा के सदस्य चुने गए और तब से लगातार छह बार इसी जिले से संसद के लिए चुने गए।
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