
प्रभासाक्षी
देखा जाए तो पीओके की जनता काफी समय से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध कर रही है क्योंकि इस क्षेत्र के साथ लगातार भेदभाव बरता जा रहा है। वित्तीय और आर्थिक संकट से जूझते पाकिस्तान में इस क्षेत्र को सबसे कम मदद दी जा रही है।
पाकिस्तान कंगाल क्षतिग्रस्त हो गया है और देश तमाम तरह की स्थिति से जूझ रहा है लेकिन पाकिस्तान और वहां की प्रांतीय सरकारें वैकल्पिक सरकार का हल करने की बजाय नई उलझनें खड़ी कर रही हैं। अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को ही लें, यहां इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सरकार है। जिसने एक ऐसा फैसला लिया है जिसके खिलाफ पूरे पोके में बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। हम आपको बताते हैं कि पोओ के लिए जरूरी असीमित बिजली की आपूर्ति, रोजगार के अवसर में वृद्धि, खाने-पीने के जरूरी सामान की किल्लत को दूर करना और कुछ प्रशिक्षण शिविरों का सफाया करना है, लेकिन यहां अकेले ही हो रहा है। देखा जाए तो पीओके की जनता काफी समय से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध कर रही है क्योंकि इस क्षेत्र के साथ लगातार भेदभाव बरता जा रहा है। वित्तीय और आर्थिक संकट से जूझते पाकिस्तान में इस क्षेत्र को सबसे कम मदद दी जा रही है। पाकिस्तान की संघीय सरकार तो पोओके के लोगों के साथ भेदभाव बरत ही रही है साथ ही इमरान खान की पार्टी के नेतृत्व वाली प्रांतीय सरकार भी पोओके के लोगों का जीना मुहाल कर रही है।
पीओके की सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे लगता है कि पीओके में आबाद राज हो गया है। दरअसल सरकार ने आदेश दिया है कि पीओके के स्कूलों में शिक्षिकाओं और लड़कियों के लिए हिजाब अनिवार्य होगा। नौकरीपेशा पर सह-शिक्षण में महिला शिक्षकों और छात्राओं को हिजाब बंधे हुए दस्तावेजों के साथ लागू किया जाएगा। इस फैसले से संबंधित सूचनाएं जैसे सामने आई वैसे ही इसका विरोध होने लगा। पियोके में लोग इस धारणा के साथ सड़कों पर उतर रहे हैं। वहीं इस्लामिक स्कॉलर्स का कहना है कि इस जरूरत वाले इलाके से आतंकवाद खत्म हो गया है, लेकिन सरकार यहां पर राज कर रही है।
हम आपको यह भी बताते हैं कि यह फैसला ऐसे समय आया जब पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही थी। महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता को अफगानिस्तान, पाकिस्तान और अन्य इस्लामी देशों में कैसे कुचला जा रहा है, पीओके की सरकार का यह फैसला उनका एक बन गया है।
-गौतम मोरारका
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