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जयपुर के आवास ने किसी व्यक्ति के आकार की जटिल शल्य चिकित्सा की

लॉर्ड महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमसीआरसी) में शल्य चिकित्सा करने वाले ने दावा किया कि यह राज्य में पहला ऐसा मामला है, जिसकी नई रूपरेखा बनाई गई है।

राजधानी के एक अस्पताल की जगह के एक दल ने एक मरीज के हाथ की त्वचा, रक्त वाहिकाओं और नसों के माध्यम से नई इच्छा बना कर शरीर में बना दिया है और कैंसरग्रस्त अंग को काट कर हटा दिया है। लॉर्ड महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमसीआरसी) में शल्य चिकित्सा करने वाले ने दावा किया कि यह राज्य में पहला ऐसा मामला है, जिसकी नई रूपरेखा बनाई गई है।

टास्क ने कहा कि आठ घंटे की इस शल्य चिकित्सा (सर्जरी) को करीब एक महीने पहले पांच डॉक्टरों ने पूरा किया था, जिसमें 11 लोगों की टीम शामिल थी। बीएमसीएचआरसी के सर्जिकल ऑन्क एलोस्टिक डॉ. प्रशांत शर्मा ने बताया कि विवरण के 72 वर्षीय मरीज ने शुरू में यह जानने के बाद इलाज से इनकार कर दिया था कि प्रक्रिया के दौरान उनका संबंध काट दिया जाएगा। हालांकि, बाद में मरीज मान गया और सर्जरी की गई। उन्होंने बताया कि “शल्य चिकित्सा के दौरान, टीम ने सबसे पहले कैंसरग्रस्त अंग को निकाल दिया। इसके बाद शालीनता की टीम ने पुनर्निर्माण प्रक्रिया को अंजाम दिया।”

प्लास्टिक सर्जन डॉ. उमेश बंसल के अनुसार एक ही ऑपरेशन में कैंसरग्रस्त व्यक्ति को हटाकर फिर से जुड़ते हुए एक जटिल प्रक्रिया है, लेकिन इन दोनों को एक साथ करने से रोगी की मानसिक स्थिति पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। उन्होंने बताया कि मरीज के बाएं हाथ की त्वचा, रक्त वाहिकाओं और नसों को लेकर अनावरण का निर्माण किया गया था।

उसके बाद वह नए बने अंग को उसकी जगह बना दिया और उसमें रक्त प्रवाह शुरू हो गया। इस शल्य चिकित्सा में माइक्रोसर्जिकल तकनीकों का उपयोग किया गया था।” डॉ. प्रशांत शर्मा का कहना है कि लगभग चार साल के कैंसर से एक पुरुष मित्र अंग का कैंसर होता है और इनमें से लगभग 50 लोग इलाज के तौर पर अंग को काट कर हटा लेते हैं।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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