बाराबंकी समाचार: उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश) के बाराबंकी जिले में भूमाफियाओं के चंगुल में फंसे किसानों की दावेदारी जमीन पर उतरी जब जिला प्रशासन द्वारा दिलवाई नहीं तो लदान से अधिक बुजुर्ग किसान गन्ना संस्थान में भूख पर बैठ गए। पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे किसानों की हालत बिगड़ने लगी तो जिला प्रशासन हरकत में आया और उसके बाद न्याय की गारंटी ली गई। जिला प्रशासन ने भूमाफियाओं के चंगुल से ज़मीन मुफ़्त में घूमने की बात कही है।
पहले भी किसानों ने भूमाफियाओं के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था और धरने पर बैठे थे। इसके बाद जिला प्रशासन कार्रवाई में आया और भूमाफियाओं के चंगुल से 400 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया और 22 बीघा सरकारी सीलिंग की भूमाफियाओं द्वारा कब्जा कर लिया गया जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो बसरी गांव के बुजुर्ग किसान धरने पर बैठ गए जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में डीएम ने पीएम को दांव पर लगा दिया और एडमिन ने भूमाफियों के खिलाफ कार्रवाई की गारंटी देते हुए कहा कि 10 दिन में उन्हें न्याय दिलवाया जाएगा।
‘सबके साथ न्याय किया जाएगा’
अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि गांव बसरी में जो लोग हड़ताल पर बैठे हैं, सभी के साथ न्याय करेंगे। हमें भरोसा है कि लोगों के साथ न्याय होगा। भूमाफियों के खिलाफ विरोध के साथ धरने पर बैठे हरिंदन सिंह गौतम ने कहा कि प्रदेश और केंद्र की सरकार भूमाफियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है और कार्रवाई भी हो रही है। जिला प्रशासन ईमानदारी से काम करना होगा। जमीन को लेकर उन्होंने कहा कि 2007 से अबतक कोई निश्चय नहीं हुआ।
बुजुर्ग किसानों का कहना है कि सिर्फ प्रशासन तबाही करता है जिसकी वजह से लोग ही मजबूर भूख हड़ताल पर बैठ जाते हैं। रोड़ की भूख हड़ताल की वजह से लोगो की हालत खराब होने पर दो लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। उसी समय धरने पर बैठे लोगों को एडम्स ने जलपान करवाकर धरना शुरू कर दिया है।
यह भी पढ़ें:-
पीएम मोदी बोले- कभी लचर कानून व्यवस्था के लिए यूपी में जाता था, अब तेजी से जिम्मेदारियां ले रहा हूं