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भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर मेष लग्न में हाजिर हो जाएंगे। आज महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में वेदपाठी एवं आचार्यगणों की उपस्थिति में शुभ महूर्त की घोषणा की गई। इस पोस्टर्स पर ओंकारेश्वर मंदिर परिसर बम भोले के जयघोषों से गुंजायमान हो उठा। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को साइट पर जा सकेंगे।
महाशिवरात्रि के पवित्र क्षेत्रों पर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में सुबह 9 बजे से पूजा अर्चना करम्पर के अनुसार कार्यक्रम शुरू किया गया। बदरी-केदार मंदिर समिति के वेदपाठी, आचार्य एवं हक-हुकूकधारियों की अस्तित्व में पूजा- अभिषेक, पंचाग गणना के बाद 2023 यात्रा वर्ष के लिए भगवान केदारनाथ धाम के कपाट की नियुक्ति की तिथि घोषित की गई। पंचांग गणना के अनुसार 25 अप्रैल को प्रातः 6 बजकर 20 मिनट पर आम श्रद्धालुओं के लिए केदारनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे।
20 को भैरवनाथ पूजा
21 अप्रैल को ओंकारेश्वर मंदिर से प्रस्थान और रात विश्राम के लिए गुप्तकाशी, 22 फाटा, 23 को गौरीकुंड, को 24 को गौरीकुंड से केदारनाथ धाम एवं 25 अप्रैल को केदारनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे।
27 अप्रैल को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
विश्व प्रसिद्ध श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। 27 अप्रैल को सुबह 7:10 बजे विधि विधान से पूजा अर्चन के बाद कपाट ईमेल करेंगे। 26 जनवरी यानी बसंत पंचमी के दिन नरेंद्र नगर राज महल में कपाट की जगहें तय की गईं। इस दौरान बद्री केदार मंदिर समिति के मित्र और पंडित पंडित मौजूद थे। बदरीनाथ के कपाट की तारीख बसत पंचमी पर तय होती है।