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शिवरात्रि (शिवरात्रि) हो या होली का त्योहार (Holi Festival) भांग के बिना अधूरे से होते हैं। दूध, पानी और बादाम में मिलाकर जाने वाली भांग की ठंडई (ठंडाई) मस्ती के रंग में चार चांद लगाती है। भारत में भांग का इस्तेमाल सदियों से पारंपरिक तरीके से किया जाता रहा है। मरिजुआना टुकड़ा (मारिजुआना का क्रेज से बनकर तैयार होने वाला भांग न केवल पेय पदार्थ में मिला है, बल्कि इसके पकौड़े भी बनते हैं। भक्त जिसे भोले का प्रसाद कहते हैं, आइए जानते हैं शिवरात्रि (शिवरात्रि) पर उसी भांग के कुछ स्वास्थ्य उपहार के लिए) के बारे में (भांग उर्फ मारिजुआना लाभ) ।
क्या है शिवरात्रि और भांग का कन्नैक्शन
भांग को शिवरात्रि के स्मारकों पर खूब पसंद किया जाता है। एक तरफ जहां भगवान शिव को भांग के पत्ते अर्पित किए जाते हैं, वहीं जगह-जगह लोग भांग के व्यंजन भी बनाते और खिलाते हैं। इस दिन भगवान शिव को भांग चढ़ाने का विधान है। हांलाकि वर्गीकरण की मान्यता, तो धार्मिक ग्रंथों में भांग का कोई उल्लेख नहीं मिलता है।
वहीं देवीभागवत पुराण में ऐसा कहा गया है कि भगवान शिव के शरीर को क्रोध और तापमुक्त करने के लिए उन्हें जल और औषधियों को अर्पित किया गया था, ताकि वे शांत हो सकें। कोई जड़ी-बूटी में भांग भी शामिल है। इन औषधियों में ब्रह्माण्ड में दोषपूर्ण नकारात्मकता को दूर करने की शक्ति होती है।
नेशनल सर्वे डॉन्ग यूज एंड हेल्थ 2021 के होश से साल 2021 में 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के 18.7 फीसदी यानी 52.5 मिलियन लोगों में कैनबिस के सेवन की जानकारी है।
रिश्तेदार रिश्तेदार भांग का इस्तेमाल करते हैं
कनाडा, जमैका, नीदरलैण्ड, कोलंबिया, दक्षिण अफ्रीका, पुर्तगाल, स्पेन, बेल्जियम समेत कई देशों में कुछ खास पैंगडों के होश से भांग के सेवन का मिशन हो गया है। जहां बेल्जियम में रूल्स के होश से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग 3 ग्राम तक भांग अपने साथ ले जा सकते हैं। मगर पब्लिक प्लेस पर उसे लेने की मनाही है। वहीं जामायका में आप मेडिकल रिजन के होश से प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा नीदरलैंड्स में आप कैफे और शॉपो में वीड ले सकते हैं। मगर घरों में इसे जाने की मनाही है।
भारत में भी बड़े तादाद में इसकी व्यापकता है। बिहार, केरला, राजस्थान, तमिलनाडू, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में इसकी शुरुआत की जाती है। स्क्रैची उपयोगों को छोड़कर भारत में भांग का उपयोग करना पूरी तरह से अवैध है। एक कप भांग में 124 कैलोरी पाई जाती हैं। इसके बावजूद इसे मस्तिष्क को राहत देने और भ्रम को ठीक करने वाला माना जाता है। यह वेटलॉस में भी मदद करता है। आइए जानते हैं इसके और भी फायदे।
1 दर्द से राहत के लिए भांग का तेल
प्राकृतिक चिकित्सक बंसल का कहना है कि भांग के बीजों से बनने वाला तेल किसी भी प्रकार के दर्द, जलन और चोट को ठीक करने का काम करता है। वे दावा करते हैं कि भांग भूख बढ़ाने से लेकर गठिया के दर्द तक हर चीज में लाभ हैं।
2 भूख बढ़ गई
घबराहट के शिकार लोगों के लिए भांग का सेवन काम का कारण बन सकता है। बन्धन की स्थिति, तो इसके सेवन से भूख बढ़ती है। अगर आप पहले से ओवरवेट हैं, तो इसे सेवन से बचने का प्रयास करें। 500 मिलीग्राम कालीमिर्च और भांग को शहद के साथ मिलाकर खाने से भी भूख न लगने की समस्या दूर होती है।
3 सीजर अटैक से बचाये
अगर आप किसी दवा के तौर पर इसका इस्तेमाल करते हैं, तो सीजर अटैक बार-बार होने से दौरे की समस्या से राहत मिलती है। साथ ही एक नियमित मात्रा में इसका इस्तेमाल ब्रेन को रिलैक्स रखता है। साथ ही साथ बढ़ाने में भी जुड़ाव साबित होता है।
4 पेट दर्द से राहत
पेट दर्द से राहत पाने के लिए काली मिर्च और भांग को मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां लें। इसके बाद उन्हें अच्छे भोजन के साथ पेट दर्द से राहत मिलती है।
5 सिरदर्द और कानदर्द से राहत
कान और सिर में दर्द होने की सूरत में मरिजुआना की क्रेज लहसुन के तेल को गर्म करके इस्तेमाल करने से फायदा मिलता है। इसके बाद इस मिश्रण के दो से तीन रन कान में टपका दें। इसे सिरदर्द और अटैचमेंट में दर्द होने का डर होता है।
आर्थराइटिस के दर्द में भी लाभ होता है
अगर आपको गठिया का दर्द जोड़ों में होता है, तो तेल का प्रयोग करें। इसके तेल को दर्द वाली जगहों पर स्काइप ही राहत का अनुभव होगा।
नोट: भांग एक हाइली मेडिसनल प्रॉपर्टी है। बिना स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह के इसका उपयोग कई गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण भी हो सकता है।
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