सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर बड़ा फैसला देते हुए कहा कि मेयर इलेक्शन में गवर्नर द्वारा मनोनीत 10 पार्षद (एल्डरमैन) वोट नहीं देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मेयर चुनाव याचिका की मांग करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) की याचिका पर सुनवाई की। मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति देने के सवाल पर आप और भाजपा सदस्यों के बीच सहमति नहीं बन पाती है क्योंकि सदन में हंगामे के बाद तीन पूर्व अवसरों पर इस पद के लिए चुनाव में देरी हुई है। वहीं अब पूरे मामले में आम आदमी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर बड़ा फैसला देते हुए कहा कि मेयर इलेक्शन में गवर्नर द्वारा मनोनीत 10 पार्षद (एल्डरमैन) वोट नहीं देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) [शेली ओबेरॉय और एआर बनाम लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यालय के महापौर के चुनाव के लिए चुनाव की तारीख 24 घंटे के भीतर घोषित करने का आदेश दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में नामित सदस्य महापौर का चुनाव करने के लिए मतदान में भाग नहीं ले सकते हैं और न ही मतदान कर सकते हैं।
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