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पलामू के सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरेंडर पॉलिसी का लाभ नहीं मिल रहा है

रिपोर्ट :नील कमल

पलामू। झारखंड सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित पलामू के कई अपराधियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था और बुनियादी ढांचे में शमिल हो कर नया जीवन जीना चाहते हैं। सरकार बुनियादी ढांचे में संबद्ध पुनर्वास नीति के तहत कई लाभ देती है। आत्मसमर्पण करने वाले लोग मर जाते हैं और पैसे दे दिए जाते हैं। जिससे कि वह बेहतर जीवन-यापन हो सके । मगर पलामू के कुंडीलपुर निवासी विनय सिंह भोक्ता सरेंडर के 4 साल बाद भी योजना के तहत मिलने वाले लाभ का बट जो रहा है।

दरअसल 2018 में विनय सिंह भोक्ता ने सड़कों के पुलिस अधीक्षक अक्षयजीत महथा के अलग सरेंडर कर दिया था। उस शराब के नशेड़ी के जोनल कमांडर रहे विनय भोक्ता के ऊपर बिहार में डीफॉलो मर्डर में शामिल होना जिसमें कई दोषी घटना के आरोप शामिल थे। मगर सरकार के सरेंडर नीति से प्रभावित एसपी के तौर पर हथियार डाले गए। उसे घर बनाने के लिए जमीन और ढाई लाख रुपये का वादा किया था। मगर अभी तक सिर्फ 50000 रुपए मिले हैं। जेल में सजा काटने के बाद बाहर निकले विनय भोक्ता जंगल से लकड़ियां काटकर अपने दो बच्चों की परवरिश कर रहे हैं।

सरेंडर के बाद पत्नी किसी युवक के साथ हो गई भागा
2018 में सरेंडर करने के बाद विनय सिंह भोक्ता जेल चले गए। बाद में उसकी पत्नी दूसरे पुरुष के साथ चली गई। उसके बच्चों का रिश्ता पाला। जब विनय जेल से छूट तब से आपके दोनों बच्चों की परवरिश हो रही है। विनय सिंह का कहना है कि अगर प्रशासन अपना वादा निभाएगा तो ही अपने बच्चे को बेहतर शिक्षा देगा।

पलामू एसपी ने कहा जल्द लाभ होगा
कुंडीलपुर गांव पहुंचे पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने भी विनय सिंह से बात की और उनके हालात के बारे में हाल-चाल लिया। एसपी चंदन कुमार सेना भी गारंटी प्रदान करेगी कि विनय सिंह को प्रशासन द्वारा पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले सुविधाओं का लाभ जल्द ही मिलेगा।

टैग: झारखंड न्यूज, पलामू न्यूज

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