समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए दावों के बाद विवाद बढ़ गया है। इस बयान को लेकर अखिलेश यादव का रुख खराब हो रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी भगवान विष्णु के सभी अवतारों को मान लेती है। लेकिन अगर सवाल करता है तो योगी को उसका जवाब देना चाहिए। सपा सुप्रीमों ने कहा कि रामचरितमानस को किसी को कई शिकायतें नहीं हैं। बता दें कि इससे पूर्व स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए दावों पर आपत्ति नहीं जताई जा सकती थी। माना जा रहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश यादव का समर्थन प्राप्त है। आज भी जब मीडिया ने उनके साथ बयानबाजी की तो अखिलेश ने सीधे तौर पर स्वामी प्रसाद मौर्या पर कुछ टिप्पणी करने से परहेज किया।
वोटबैंक पर नजर
ऐसा माना जा रहा है कि वोटबैंक को ध्यान में रखते हुए अखिलेश यादव इस मुद्दे पर फ्रैंक बोलने से बचते हैं। इससे पहले अखिलेश यादव ने सीएम योगी को चुनौती दी थी और कहा था कि रामचरितमानस के जिस चौपाई पर स्वामी प्रसाद मौर्या ने आपत्ति जताई है, उस चौपाई को सीएम योगी आदित्यनाथ ने बोलकर दिखाया। लेकिन रविवार के दिन आगरा और मैनपुरी में एक शादी समारोह में अखिलेश यादव के तेवर पहुंचे और उनका सुर कुछ बदले पर नजर आया।
क्या बोले अखिलेश यादव
शादी समारोह में आगरा और मैनपुरी पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा कि मैं आज भी हर दिन सुबह एक घंटा भजन सुनता हूं। योगी जी को तो सभी भजन याद होंगे उन्हें सुनने की ज़रुरत नहीं है, उन्हें भजन सुनने का समय भी नहीं मिलेगा। रामचरितमानस से किसी को शिकायत नहीं है लेकिन जो गलत है वह गलत है। अखिलेश यादव ने इस दौरान खुद को धार्मिक संकेत देने की कोशिश की और सीधे तौर पर स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ कुछ भी बयान नहीं दिए।
उन्होंने कहा कि सपा सभी धर्मों और उनके भगवान का सम्मान करती है। लेकिन महाभारत में ऐसा आता है कि शूद्र होने के कारण ही कई योद्धाओं को सम्मान नहीं मिला। इसपर भी विचार जरूरी है। बता दें कि रामचरित मानस की चौपाई ‘ढोल-गंवार-शूद्र-पशु-नारी/ ये सब ताड़न के अधिकारी’ को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्या ने आपत्तिजनक प्रविष्टि की थी। इसके बाद से ही रामचरितमानस पर विवाद चल रहा है।