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सुप्रीम कोर्ट 5 नए न्यायाधीश: सुप्रीम कोर्ट की कड़ी चेतावनी और फटकार के बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को पांच नए जजों की नियुक्ति को हरी झंडी दिखा दी। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। ये सभी पांच न्यायाधीश विभिन्न उच्च न्यायालयों के हैं, जिन्हें अब सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रमोट द्वारा न्यायमूर्ति बनाया गया है। इससे पहले शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति में देरी को लेकर केंद्र सरकार पर दुख व्यक्त किया था।
सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए जाने वाले पांच जजों के नाम राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मितल, पुणे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार, पुणे हाई कोर्ट के जज अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज हैं मनोनीत मिश्रा है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट किया, ”भारत के संविधान के तहत राष्ट्रपति ने उच्च न्यायालय के निम्नलिखित मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त किया है। मैं उन सभी को शुभकामनाएं देता हूं।” अपने ट्वीट में पांच जजों के नामों की भी किरेन रिजिजू ने जानकारी दी है।
सेंटर ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को नुकसान पहुंचाया था कि उच्चतम न्यायालय में पांच जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा पिछले साल दिसंबर में कहा गया था जल्दी ही छूट दी जाएगी। अटॉर्नी जनरल आरवेंकटरमणी ने कनेक्शन एस. के. कौल और ए. एस. ओका की पीठ ने कहा था कि इन पांच नामों की नियुक्ति का आदेश (वारंट) जारी हो सकता है। वहीं, बेंच ने हाई कोर्ट के जजों के दाखिलों को हटाने को मंजूरी देने में केंद्र द्वारा देरी से जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा, ”यह काफी हद तक गंभीर है।” बेंच ने चेतावनी भी दी कि इसमें किसी भी देरी के परिणाम स्वरूप और व्यस्तता दोनों तरह की कार्रवाई हो सकती है, जो संभव है सुखद न हो।
SC ने दी थी चेतावनी, कहा- एक्शन लेने को न करें बाउंड
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने चेतावनी देते हुए कहा था कि हमें ऐसा कदम उठाने के लिए बाध्य नहीं करें, जो कई ट्वीट करने वाला होगा। कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में फैसले के लिए पांच जजों के नामों का दावा किया था। बाद में 31 जनवरी को प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के न्यायाधीशों के रूप में देखने के लिए सेंटर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार के नामों के नाम रखे।
सुप्रीम कोर्ट में अभी कौन हैं दर्ज पद?
सर्वोच्च न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश (सीजीजी) सहित 34 न्यायाधीशों के बकाया पद हैं। वर्तमान में उच्च न्यायालय 27 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहा है। पीठासीन सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा हस्ताक्षर किए गए नामों को मंजूरी देने में केंद्र की ओर से कथित देरी से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी। वेंकटरमणी ने पीड़ित को नुकसान पहुंचाया है कि नामांकन की नियुक्ति का वारंट जल्द ही जारी होने की उम्मीद है। पीठ ने पूछा, ”कब, अगला प्रश्न है? हम डेट के बारे में नहीं कह रहे हैं। दो दिन, तीन दिन या चार दिन, वारंट कब जारी होगा?”