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सुप्रीम कोर्ट को मिलेंगे 5 नए जज, कॉलेजों की मर्जी पर वोटर की मर्ज़ी

सुप्रीम कोर्ट

रचनात्मक आम

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कामकाज के लिए 5 जजों के नाम पर आखिरकार मुहर लगा दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने 2 फरवरी को नियुक्तियों को मंजूरी दे दी थी और नामों को नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति भवन भेज दिया था।

सरकार ने शीर्ष अदालत में पांच नए न्यायाधीशों के आदेश की सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम की स्वीकृति दी है। 13 दिसंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने भ्रष्टाचार पंकज मिथल (राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश), मुकेश संजय करोल (पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश), चाप पी वी संजय कुमार (मिनिक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश) के मुख्य न्यायधीश), अपराध अहसान दीदार अमानुल्लाह (न्यायाधीश, सतोच्च उच्च न्यायालय) और शेट्टी मिश्रा (न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय) निर्धारण की मानचित्रण की थी।

इसलिए द इंडियन एक्सप्रेस को बताया गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने 2 फरवरी को नियुक्तियों को मंजूरी दे दी थी और नामों को नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति भवन भेजा गया था। सूत्रों ने कहा है कि अगर नियुक्ति का सर्टिफिकेट शनिवार को जारी होता है तो नए जजों को अगले सप्ताह की शुरुआत में शपथ पत्र दिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा असामान्य कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए दो और नामों के हस्ताक्षर करने के ठीक तीन दिन बाद नियुक्ति की बात सामने आई है।

कॉलेजियम सामान्य रूप से अधिक खुलासे से पहले किसी फ़ाइल को फ़ोटोग्राफ़र मिलने का इंतज़ार करता है। 31 जनवरी को, कॉलेजियम ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार के निर्णय की।

 


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