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एयर इंडिया यूरिनेशन केस | पेशाब कांड को लेकर पायलट के निलंबन पर कानूनी उपाय एयर इंडिया के पायलट निकाय

एयर इंडिया

एएनआई

एयर इंडिया की एक उड़ान में पिछले नवंबर में एक महिला सहयात्री पर कथित तौर पर एक यात्री के सवारी करने के मामले में विमान के मुख्य पायलट का लाइसेंस देने पर एयर इंडिया पायलट निकाय सीपीजी कानूनी कदम उठाने पर विचार कर रही है।

मुंबई। एयर इंडिया की एक उड़ान में पिछले नवंबर में एक महिला सहयात्री पर कथित तौर पर एक यात्री के सवारी करने के मामले में विमान के मुख्य पायलट का लाइसेंस देने पर एयर इंडिया पायलट निकाय सीपीजी कानूनी कदम उठाने पर विचार कर रही है। इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि वह पिछले निलंबन के मुद्दों को गलत से उठाएंगे। आईपीजी विमान के वे पायलट का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो बड़े आकार के विमान उड़ाते हैं। यह घटना 26 नवंबर 2022 को एयर इंडिया की न्यूयॉर्क-दिल्ली उड़ान के दौरान हुई थी और यह घटना सिटीजन उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के संज्ञान में चार जनवरी को आई थी।

डीजीसीए ने शुक्रवार को विभिन्न उल्लंघनों के लिए एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा उस विमान के प्रमुख पायलट (पायलट इन कमांड) का लाइसेंस भी तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है और एयर इंडिया की उड़ान सेवा निदेशक पर भी तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

पायलट संगठन के एक सदस्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, हम उस पायलट का लाइसेंस मैसेज किए जाने के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सहित सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हम इस मुद्दे पर अपनी नोट्स से बात कर रहे हैं और जल्द ही निर्णय लेंगे। सदस्य ने दावा किया कि संबंधित पायलट ने उस घटना के समय बहुत ही समझदारी से काम लिया था। सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि पूरे मामले में बलि का बकरा विवरण काफी दबाव डाल रहा है। इस संबंध में एयर इंडिया की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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