दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश के दिग्गज दिग्गजों के फेडरेशन के खिलाफ धरना आज फिर जारी है। यौन शोषण का आरोप लगाते हुए पहलवान आज जंतर-मंतर पर एक घंटे के मौन व्रत पर बैठे हैं। इस दौरान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जैसे ओलंपिक और एशियाई खेलों के पदक विजेता खिलाड़ियों का धरना कल से जारी है। धरने पर बैठे खिलाड़ियों ने फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। लेकिन इस बीच रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह बड़े सवाल खड़े किए हैं।
“बड़े खिलाड़ी राष्ट्रीय खेल नहीं खेलते, तबियत का पता चलता है”
जिम्मेवारों के यौन शोषण के झूठ के जवाब में बृजभूषण शरण सिंह ने खिलाड़ियों से सवाल उठाए हैं। बृजभूषण शरण ने पूछा कि इतने सालों से शोषण हो रहा था तो पहले क्यों नहीं बताया। वास्तविक रूप से उनका नाम क्यों नहीं बताया गया। बृजभूषण शरण ने कहा है कि 97 प्रतिशत प्लेयर फेडरेशन के साथ हैं। बृजभूषण शरण सिंह ने लगाया आरोप कि ओलंपिक और एशियाई खेलों में मेडल जीतने वाले बड़े खिलाड़ी नेशनल गेम्स नहीं खेलते, ट्रायल में हिस्सा नहीं लेते। नेशनल गेम्स और ट्रायल के समय तबीयत खराब होने के घुल जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट ही तबीयत ठीक हो जाता है।
“कुछ खिलाड़ियों ने अपना स्थानीय संघ बनाया”
बृजभूषण शरण सिंह का आरोप है कि बैठे खिलाड़ी सरकार का बनाया हुआ नियम फॉलो नहीं करते हैं। वो चाहते हैं नेशनल गेम्स जीतने वाले के बजाय बिना उन्हें इंटरनेशनल गेम्स में भेज दें। इसलिए ही नहीं बृजभूषण शरण सिंह का दावा है कि हरियाणा में कुछ प्लेयर्स ने लोकल फेडरेशन बनाया था। वो अपने द्वारा चुने गए खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेलों में बांधना चाहते थे। मंत्रालय ने नहीं माना, वही लोग इस आंदोलन के पीछे हैं।