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दिल्ली एयरपोर्ट: यात्रियों का पहला फायदा, चंद महीनों में बने लखपती, अब जेल में पीसेंगे ‘चककी’

आईजीआई हवाई अड्डा: एयरपोर्ट की सभी सुरक्षा एजेंसियां ​​और एयरलाइंस न जाने कितने सालों से एक ही रहने वाले अपने यात्रियों से चलते आ रहे हैं, लेकिन कुछ मुसाफिर हैं कि उनके ‘कान में जूं रंगने’ का नाम ही नहीं लेते। परिणामस्वरूप, इन बेपरवाह मुसाफिरों की बेपरवाही का लाभ उठाएं कुछ लोडर चेक-इन बैगेज से चोरी की स्थिति को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं।

दरअसल, पूरा मामला चेक-इन बैगेज यानी रजिस्‍टर्ड बैगेज से कीमती सामान चोरी करने को लेकर है। सुरक्षा एजेंसियां ​​और एयरलाइंस ने कहा है कि यात्री चेक-इन बैगेज के भीतर अपने मूल्यांक सामान जैसे जाम, ज्वेलरी और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान न लें। सामान की उचित देखभाल सुनिश्चित करें और किसी बड़ी घटना से बचने के लिए इन निश्चित वस्तुओं को हमेशा हाथ में लिए हुए बैगेज में रखें।

इसके बावजूद, बहुत से मुसाफिर अपना कीमती सामान चेक-इन बैगेज में रखते हैं। एयरक्राफ्ट में बैगेज लोड करने के समय कुछ लोडर्स के अवसर ही इन दस्तावेजों पर अपना हाथ साफ कर देते हैं। इसके बाद मुसाफिर चारों ओर हाय-तौबा मचाते हुए दिखाई देते हैं। 14 जनवरी को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने ऐसे ही आठ लॉगर्स को गिरफ्तार किया है, जो मुसाफिरों के चेक-इन बैगेज से कीमती सामान चुराए थे।

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आईजीआई एयरपोर्ट के डीसीपी रवि कुमार सिंह के मुताबिक, आठवें दशक में कुछ महीनों के अंदर 10 लाख रुपए से ज्यादा का सामान और ज्वैलरी मुसाफिरों के सामान से टिकट ले चुके हैं। इनके पास से लाखों रुपए की जेवेलरी, अमेरिकी डॉलर और कैश बरामद किया गया है। बरामदे किए गए सामान में सोने की चूड़ी, लॉकेट, ईयर टॉप्स, चेन, बिछिया, उलझा हुआ आई-फोन, कीमती घड़ियां, कीमती घड़ियां और आई-पोक जैसी चीजें शामिल हैं।

ऐसे एयरपोर्ट ने बिछाया अपना जाल
डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि चेक-इन बैगेज से चोरी की घटना को पकड़ने के लिए एयरपोर्ट पुलिस ने विभिन्न एयरलाइंस के विजलेंस स्‍टाफ और सिक्‍योरिटी ग्रुप के साथ साझा रणनीति तैयार की। रणनीति के तहत, बैगेज ब्रेक अप एरिया और बैगेज मेकअप एरिया में प्रतिबंधित ग्राउंड स्‍टाफ और एयरक्राफ्ट में सामान दर्ज करने वाले लोडर्स पर कड़ी निगरानी शुरू की गई।

जलद ही इस निगरानी के सकारात्मक परिणाम मिले। 11 जनवरी को आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की टीम ने एयरलाइंस विजलेंस स्‍टाफ की मदद से दीपक पाल नाम के एक लोडर को जमा में लिया। यह लोडर एक यात्री के चेक-इन बैगेज से चोरी करने का प्रयास कर रहा था। एससी दीपक पाल के खिलाफ आईजीआई पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 379/511 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

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जिज्ञासु में दीपक ने कई खुलासे किए
पूछताछ के दौरान, विवेक पाल ने बताया कि वह 2018 से एक ग्लोबल एजेंसी में शामिल करते हुए लॉगर काम कर रहा है। उसका वेतन सिर्फ 18 हजार रुपये है और वह कम वेतन में अपनी सुंदरता को पूरा नहीं कर रहा था। आज्ञा, उसने मौका मिलता है ही यात्रियों के सामान से छोटी-मोटी चोरी करना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद, वह अन्य एयरलाइंस और शॉर्टकट के 7 अन्य लोडर और ग्राउंड शेड्यूल स्टाफ के संपर्क में आया।

क्योंकि वे सभी पास-पास रह रहे थे और लगभग एक ही स्विच में काम कर रहे थे, हटे हुए उन लोगों ने गैप बनाया और चोरी के मौजूदा पेशेवर तरीके से अंजाम देना शुरू कर दिया। दीपक के निशानदेही पर एयरपोर्ट पुलिस ने सातों को गिरफ्तार कर लिया और उनके कबीज से भारी मात्रा में चोरी का सामान भी बरामद कर लिया। अब एयरपोर्ट पुलिस चोरी का सामान खरीदने वालों की पहचान करने की कवायद में जुड़ गया है।

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इस तरह से देने को कहें
एयरपोर्ट पुलिस ने इस प्रक्रिया के तहत मुसाफिरों का चेक-इन बैगेज पहले टर्मिनल में ट्रॉली पर लोड किया और एयरसाइट्स पर जाकर एयरक्राफ्ट के पास ऑफ लोड किया। यहां पर लोडर बैगेज को ट्रॉली से निकाल कर एयरक्राफ्ट में लोड करते हैं। उन्‍होंने बताया कि लोड, ऑफ-लोडिंग या एयरक्राफ्ट में लेते समय लोडर बैगेज की तलाशी लेते हैं। जिस सामान में सामान मिला है, उस पर वह हाथ साफ कर देता है।

यात्रियों के चेक-इन बैगेज से सामान चोरी किए गए सामान को वह हवाई अड्डे के लॉकर्स और अन्य स्थानों पर छिपा देते थे। बाद में, जब भी उन्हें मौका मिलता है, वे चोरी के सामान को अपने अंडरगार्मेंट्स में छुपा लेते हैं और एयरपोर्ट से बाहर निकल आते हैं। बेहद पेशेवर तरीके से काम करते हुए ये चोरी के सामान को ठिकाने लगाने से पहले एक जगह हो जाते थे। सामान का बंटवारा करने के बाद बाजार में कौड़ी के बारे में बेंच दी गई।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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