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सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा, भारतीय सशस्त्र बल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फोर्स में से एक हैं

सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि यह गर्व की बात है कि सशस्त्र बलों के भूतपूर्व सैनिक राष्ट्रों की प्रगति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। जनरल पांडे ने मकर संक्रांति, पोंगल, बिहू और उत्तरायण त्योहारों की बधाई भी दी। इस कार्यक्रम में विभिन्न भूतपूर्व सैनिक संगठन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। 14 जनवरी को ‘सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस’ मनाया जाता है।

नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को कहा कि भारतीय सशस्त्र बल अत्यधिक पेशेवर हैं और दुनिया में उनकी सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है। जनरल मनोज पांडे ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों के अदम्य शिलालेख और उनके बलिदान के कारण भारतीय सशस्त्र बल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सैनिकों में शुमार हैं। जनरल मनोज पांडे ने यहां सात सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस कार्यक्रम के अवसरों पर भूतपूर्व सैनिकों को संदेश देते हुए कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की भागीदारी से प्रेरित होकर सशस्त्र बलों के तीन अंग ”किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं यहां मानेकशॉ सेंटर में सेना प्रमुख के साथ एयर चीफ एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने भी मंच साझा किया। समारोह स्थल पर सेना के तिकड़ी जीवों की बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिक भी मौजूद थे। जनरल पांडे ने कहा, आज हमारे सशस्त्र बलों की संख्या दुनिया के सर्वश्रेष्ठ और अत्यधिक पेशेवर बलों में है। यह पहचान (सेनाओं की) आपके बलिदान, अदम्य साहस और कठिन परिश्रम का परिणाम है। इससे प्रेरित होकर सशस्त्र सेना के तिकड़ी अंग किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।”

नौसेना प्रमुख ने अपने जुड़वा में कहा, ”आज के सशस्त्र बल हमारे प्रत्येक भूतपूर्व सैनिकों के प्रयास, दूर जी नेतृत्व, आकांक्षाओं और निःस्वार्थ प्रयासों के परिणाम हैं।” एडमिरल कुमार ने कहा, ”यहां उपस्थित हों और आप सभी के साथ बातचीत करें मेरे लिए सम्मान की बात है। आज का दिन हमारे उन बहादुर योद्धाओं को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का भी अवसर है, जिन्होंने अपने जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया।” उन्होंने कहा कि नौसेना सभी को घुमाना चाहती है कि वह भूतपूर्व सैनिकों की विरासत को आगे बढ़ाए में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ और कई अन्य उन्नत प्लेटफॉर्म को सेवा में शामिल करना उस दिशा में एक छोटा सा कदम है। उन्होंने कहा, ”हम सभी अग्निवीरों के पहले झूले को भी शामिल किया है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं और यह एक साहसिक, परिवर्तनकारी कदम है और जो नौसेना को भविष्य के लिए तैयार करने में योगदान देगा।” प्रमुख रोजगार इस अवसर पर भूतपूर्व सैनिकों को बधाई भी दी। उन्होंने कहा, ”भारतीय संचार ने आज इस क्षेत्र में एक अजेय हवाई बलों की प्रतिष्ठा की है। यह हमारे भूतपूर्व सैनिकों की दृष्टि, कड़ी मेहनत और नि:स्वार्थ सेवा से ही संभव हो पाया है।” उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों का उत्कृष्ट योगदान हमेशा एक मार्गदर्शक शक्ति रहा है। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने यह भी कहा कि भारतीय कनेक्टिविटी कमांडों में 156 एसपी एआरएएस सेवा केंद्र चालू कर दिए गए हैं। पेंशन प्रशासन के लिए प्रणाली (रक्षा) या अलग-अलग अनुपात में दाखिले को जारी करना और बिना किसी बाहरी खाते के सीधे पेंशन भोगियों के खाते में जमा करने के लिए एक वेब-आधारित प्रणाली है। उन्होंने कहा, ”हम अपने वायुसैनिकों को जुड़ना चाहते हैं कि भारतीय कनेक्शन आपके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”

सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि यह गर्व की बात है कि सशस्त्र बलों के भूतपूर्व सैनिक राष्ट्रों की प्रगति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। जनरल पांडे ने मकर संक्रांति, पोंगल, बिहू और उत्तरायण त्योहारों की बधाई भी दी। इस कार्यक्रम में विभिन्न भूतपूर्व सैनिक संगठन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। 14 जनवरी को ‘सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस’ मनाया जाता है। वर्ष 1953 में इसी दिन भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा अधिकृत रूप से रिटायर हुए थे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पहला सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस मनाये जाने के बाद हर साल इस दिन को मनाने का फैसला लिया गया था, जिसमें भूतपूर्व सैनिकों और उनके पूरे सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। इस वर्ष, सेना के तिकड़ी अंगों के मुख्यालयों द्वारा नौ स्थानों- झुंझुनू, जालंधर, पानगढ़, नई दिल्ली, सीधी, चेन्नई, चंडीगढ़, भुवनेश्वर और मुंबई में ‘सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस’ मनाया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग के सचिव विजय कुमार सिंह और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम के अन्य कहा, ”सरकार ने सशस्त्र बलों के भूतपूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के संबंध में लंबे समय से प्राप्त करने की घोषणा की है और इसे बाध्य किया जाना था। हालांकि कुछ मुद्दे थे, इसलिए इसमें देरी हुई। इसे सरकार ने दिसंबर में बंधक बना लिया है और बकाय का भुगतान और अन्य चीजें बहुत जल्द शुरू हो चुकी हैं।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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