प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दुनिया के सबसे लंबे (3,200 किलोमीटर लंबे) रिवर क्रूज को हरी झंडी दिखाई दिए। एम.वी. गंगा विलास क्रूज अपनी पहली यात्रा जर्मन और स्विस को लेकर वाराणसी से रवाना हुई और 51 दिनों के बाद बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा। मोदी ने उम्मीद की कि क्रूज टूरिस्ट का यह नया युग नौकरी के नए स्पॉट और स्वरोजगार पैदा करेगा। उन्होंने कहा, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और अधिक अंतर्देशीय जलमार्ग विकसित किए जा रहे हैं।
नरेंद्र मोदी उन्होंने कहा कि भारत सीढ़ी का ऐसा स्तर देख रहा है जिसकी कुछ साल पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। उन्होंने यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के लिए जलमार्ग विकास की 1,000 करोड़ रुपये की परियोजना और वाराणसी में एक टेंट सिटी परियोजना का भी उद्घाटन किया।
गंगा विलास यात्रा क्रूज की लागत प्रति व्यक्ति न्यूनतम 20 लाख रुपये है, जो 51 दिनों की यात्रा के लिए प्रति यात्री 50 लाख रुपये तक जा सकता है। यात्रा के दौरान केवल शाकाहारी भोजन विषाक्त होगा और शराब पीने की अनुमति नहीं होगी। क्रूज पर स्पा, सैलून, जिम और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।
यह क्रूज वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स, रिवर के घाटों, नेशनल पार्क और पुणे, ढाका, कोलकाता और गुवाहाटी जैसे शहरों सहित लगभग 50 पर्यटन स्थलों को कवर करेगा। पीएम द्वारा क्रूज को हरी झंडी दिखाने के बाद कई विपक्षी दलों ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि इससे गंगा में नदी में मछली पकड़ने वाले मछुआरे और नाव चलाने वाले नाविकों के रोजगार में नुकसान होगा।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पूछा कि गंगा में अगर क्रूज जाएंगे तो मल्लाह क्या करेंगे, उनके नाव में कौन बैठेगा। कांग्रेस ने कहा कि क्रूज बेकार की चीज है, जबकि जेडीयू के नेता ललन सिंह ने कहा कि बिहार में उनकी सरकार गंगा में माल की धुलाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि क्रूज पैसे बर्बाद हो गए हैं।
मोदी ने अपने भाषण में गंगा नदी को ‘मां’ और भारत की जीवन रेखा कहा। उन्होंने रोजगार के मौकों की कमी के कारण गंगा के आसपास बस शहरों से बकाया के लिए बकाया की ओर इशारा किया। मोदी ने कहा, क्रूज और वाराणसी का नया टेंट सिटी पर्यटन और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगा।
समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने दावा किया है कि बीजेपी के पुराने मालिक को रंग रोगन करके बेचा जा रहा है। अखिलेश ने कहा कि उन्होंने अपनी सरकार का ज़हर जो नावें हिलाया था, अब बीजेपी की सरकार ये नावों को अपनी बता रही है। उन्होंने कहा कि मोदी ने गंगा की सफाई का वादा किया था, लेकिन वह वादा पूरा नहीं हुआ। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार पहले ये बताएं कि नमामि गंगे योजना का क्या हुआ और गंगा की गंदगी क्यों खत्म नहीं हुई? उन्होंने कहा, ‘वे कभी क्रूज तो कभी टेंट सिटी जैसे नाटक कर रहे हैं।’
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने गंगा के प्रदूषण को रोकने के लिए डीजल से चलने वाली नावों की जगह उपलब्ध को सीएनजी नावें किए हैं। उन्होंने कहा, यूपीलॉक्ड स्टेट है, और चॉइस के आसपास कोई समंदर नहीं है, इसलिए छोटे राज्य के डेड सिटीज बनने वाले प्रोडक्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण दुनिया की नजरों में कोई संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि गंगा रिवर क्रूज से छोटे कलाकारों को फायदा होगा और उनके उत्पाद सीधे अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं तक पहुंचेंगे।
इसमें कोई संभावना नहीं है कि अब तक रिवर क्रूज़ के बारे में न कांग्रेस ने सोचा, न समाजवादी पार्टी ने सोचा। पहली बार इस कोड को मोदी ने दिया और इसे लागू करके दिखाया। यह भी सही है कि समुद्री यात्रा से कोई बहुत बड़ा चमत्कार नहीं होगा, बल्कि नदियों से शहरों को जोड़ने की जो बात पिछले 30 वर्षों से चल रही है, वह साकार होगी।
अगर वजह की संख्या बढ़ती है तो इससे पूरे शहर का आनंद होता है, लेकिन चूंकि यह काम मोदी ने किया है, इसलिए विरोधी दल इसका विरोध कर रहे हैं। गंगा के किनारे के दायरे में मल्लाहों की संख्या काफी ज्यादा है, उनका बड़ा वोट बैंक है। इसलिए सभी ने क्रूज को मल्लाहों का रोजगार करने वाला बताया, और योगी ने इसे गंगापुत्रों के लिए वरदान बताया।
अखिलेश यादव को पता होना चाहिए कि क्रूज में एक बार में कुल 36 मुसाफिर सफर कर सकते हैं, साल में सिर्फ 6 टूर होंगे। विकुल 216 यात्री सालों भर में यात्रा में यात्रा कर सकते हैं। काशी में हर साल लाखों तीर्थयात्री हैं। ऐसे में क्रूज से मल्लाहों को नुकसान कैसे हो सकता है?
अखिलेश को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से सीखना चाहिए, जिन्होंने क्रूज का स्वागत किया और लोगों को वरदान दिया। राइजिंग ने कहा कि इससे रोजगार भी बढ़ेंगे और गंगा के आसपास बस शहरों की अर्थव्यवस्था भी सुधरेगी। इस क्रूज के विदेशी सैलानी बिहार के गौरवशाली इतिहास को जान आइकन और राज्य की ऐतिहासिक विरासतों को देखें।
राइजिंग क्रूज के उद्घाटन के मौके पर उपमुख्यमंत्री के तौर पर बोले, इसलिए उन्होंने पद की गरिमा के होश से बात की। लेकिन ललन सिंह जदयू अध्यक्ष के तौर पर बोल रहे हैं, इसलिए क्रूज की आलोचना कर रहे हैं।
ललन सिंह कुमार को प्रधानमंत्री पद का अधिकार देने के लिए मेहनत कर रहे हैं, तो जाहिर सी बात है कि वह मोदी की किसी योजना का समर्थन कैसे कर सकते हैं। मुझे लगता है कि जब विकास की बात हो तो सियासत से ऊपर उठकर डाकिया होना चाहिए। (रजत शर्मा)
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