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प्रभासाक्षी न्यूज़रूम: म्यांमार में विद्रोही गुट पर हवाई हमले के कारण मिज़ोरम के छोटे पैमाने पर

चिन राष्ट्रीय सेना

प्रभासाक्षी

बताया जा रहा है कि चिन नेशनल आर्मी पर और भी नए बदलाव हो सकते हैं जिन्हें देखते हुए मिजोरम में रणनीति बढ़ाई गई है। हम आपको यह भी बताते हैं कि भूत का प्रमुख राज्य मिजोरम म्यांमार के साथ 1624 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।

आस-पास मिजोरम की सीमाओं पर चारों तरफ का माहौल है क्योंकि पड़ोसी देश म्यांमार के सबसे शक्तिशाली सशस्त्र संगठन माने जाने वाले चिन नेशनल आर्मी के मुख्यालय पर म्यांमार के राज्य के लिए अलग-अलग बुधवार को बमबारी की। हम आपको बताते हैं कि चिन नेशनल आर्मी का हेडक्वार्टर कैंप विक्टोरिया भारतीय राज्य मिजोरम से सटे इलाके में है। बताया जा रहा है कि इस बमबारी में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए। मीडिया के अनुसार यह बमबारी 3:00 बजे के आसपास हुई। धमाका इतना तेज था कि मिजोरम की सीमा के आसपास के इलाकों में लोग के घरों की छत तक हिल गए।

हालांकि चिन नेशनल आर्मी की ओर से बताया गया है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा के करीब आने से यह विस्फोट म्यांमार के इलाके में ही हुआ था, लेकिन मिजोरम के खोबुंग और फरकॉन गांव तक इन धमाकों की आवाज सुनी गई। मीडिया साइंस में बताया गया है कि मिजोरम-म्यांमार सीमा पर तियाउ नदी के करीब यह कदम आए हैं। चिन नेशनल आर्मी के मुख्यालय विक्टोरिया कैंप के कमांडर ने जानकारी दी है कि म्यांमार के लड़ाकू रूप ने पांच बम कैंप के अंदर गिराये। बमबारी के जरिए कैंप में सैनिकों के परिवारों के क्वार्टर और प्रशिक्षण शिविरों को भी बनाया गया। कैंप विक्टोरिया में जिस चिन नेशनल आर्मी का निशाना बनाया गया है वह पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के बैनर पर काम करता है। बताया जा रहा है कि चिन नेशनल आर्मी पर और भी नए बदलाव हो सकते हैं जिन्हें देखते हुए मिजोरम में रणनीति बढ़ाई गई है। हम आपको यह भी बताते हैं कि भूत का प्रमुख राज्य मिजोरम म्यांमार के साथ 1624 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।

म्यांमार में 2021 में तख्तापलट के बाद सैन्य शासन की ओर से अत्याचार की तमाम खबरें आईं जिससे बड़ी संख्या में लोग भागीदार बने भारत और बांग्लादेश भी गए। अभी कुछ दिनों पहले यह भी खबर आई थी कि बांग्लादेश की सुरक्षा बलों की ओर से नवंबर में उग्रवाद विरोधी अभियान शुरू करने के बाद कुकी-चिन समुदाय के 300 से अधिक लोग पड़ोसी देश से भागकर भारत आ गए थे। मिजोरम सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि चटगांव पहाड़ी सीमा के बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत में प्रवेश करने के बाद दक्षिण मिजोरम के लार्जतलाई जिले में शरण ली है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी सुरक्षा बलों द्वारा विद्रोही समूह कुकी-चिन नेशनल आर्मी के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद ये लोग सीमा पार कर भारत आ गए। हम आपको बताते हैं कि केएनए कुकी-चिन नेशनल फ्रंट (केएनएफ) की सशस्त्र शाखा है, जो एक अलग राज्य की मांग करती है, जिसमें चटगांव पहाड़ी क्षेत्र में कुकी-चिन या मिजो समुदाय के लोग रहते हैं। अभी हाल ही में यह खबर आई थी कि भारत की तरफ से म्यांमार की सीमा पर सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया है ताकि कोई घुसपैठ न हो सके।

उरद्र, इस बमबारी के बाद मिजोरम के आसपास के इलाकों में सेना और सुरक्षा बल गश्त कर रहे हैं और राज्य सरकार की ओर से भी इस मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय बैठक कर केंद्र को स्थिति से अवगत कराया गया है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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