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जानिए कमजोर इम्युनिटी के संकेत, कैसे खान-पान से बढ़ा सकते हैं इम्युनिटी। खाद्य पदार्थों की कमजोरी प्रणाली को कैसे मजबूत कर सकते हैं।

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खराब जीवनशैली और उल्लंघन में गड़बड़ी की वजह से कमजोर सिस्टम कमजोर हो सकता है। कमजोर मुक्त प्रणाली के पीछे धूम्रपान, शराब भी जिम्मेदार हो सकते हैं। एचआईवी एड्स जैसे यौन संचारित डिजीज भी प्रतिरक्षा तंत्र (प्रतिरक्षा प्रणाली) को प्रभावित करते हैं। पोषक तत्व विशेषज्ञ कहते हैं कि रोगक्षमता पर सबसे अधिक पोषक तत्व की कमी वाले प्रभाव दे सकते हैं। इसलिए हमें सबसे ज्यादा अपने खान-पान पर ही ध्यान देना होगा। इस फाइल में हम जानते हैं कि आहार कैसे हमारी प्रतिरक्षा को अवरुद्ध करते हैं (कैसे आप भोजन द्वारा प्रतिरक्षा को बढ़ा सकते हैं) हैं।

कमजोर इम्युनिटी के ये हैं सभी संकेत (कमजोर इम्युनिटी के लक्षण)

पारस अस्पताल, गुरुग्राम में पलमोनोलोजी और रे स्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ। अरुणेश कुमार कहते हैं, COVID के संबंध को देखते हुए प्रतिरक्षा मजबूत प्रणाली होना हम सभी की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। बार-बार सर्दी जुकाम, बुखार होने के अलावा कई और लक्षण इम्यूनिटी के कमजोर होने का संकेत दिवस हो सकते हैं। यदि आपको साल भर में दो बार निमोनिया हो जाता है, कान में बार-बार संक्रमण हो जाता है, तो इसका मतलब यह है कि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है। इसके अलावा, ब्रोंकाइटिस, बार-बार साइनस की शिकायत, मेनिन्जाइटिस या स्किन इन्फेक्शन से भी इसके संकेत मिल सकते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी होने पर प्लेटलेट काउंट की घटनाएं, जलीय जीवों में सूजन और संक्रमण भी हो सकते हैं।

फूड कैसे करते हैं रिचार्ज सिस्टम

माइक्रोबायोम (माइक्रोबायोम) के लिए जरूरी फाइबर (फाइबर)

हार्वड स्वास्थ्य के अनुसार आंतों में माइक्रोबायोम रहते हैं। ये प्रतिरक्षा कार्य में महत्वपूर्ण भूमिकाएं हैं। आंतों में किस प्रकार के रोगाणु रहते हैं, यह निर्धारित करने में एक बड़ी भूमिका निभाता है। शाकाहारी, पौधे के दाने और विलय से भरपूर उच्च फाइबर युक्त चमक बैक्टीरिया के विकास में मदद करता है। कुछ माइक्रोबायोम फाइबर को शॉर्ट चेन एसिड में तोड़ देते हैं, जो इम्यून सेल एक्टिविटी (इम्यून सिस्टम) को बढ़ावा देते हैं।

2 प्रोबायोटिक फ़ूड (प्रोबायोटिक फ़ूड)

प्रोबायोटिक पदार्थों में लाइव गुड बैक्टीरिया होते हैं। जो इम्युनिटी के लिए बेहद जरूरी हैं। दही, फर्मेंटेड व्यंजन, कोम्बुचा चाय, किमची, सौकरकूट और मिसो भी प्रोबायोटिक फ़ूड में आते हैं।

3 प्रीबायोटिक खाद्य पदार्थ (प्रीबायोटिक भोजन)

प्रीबायोटिक खाद्य पदार्थों में फाइबर और ओलिगोसेकेराइड होते हैं। ये गुड बैक्टिरिया के लिए जरूरी हैं। प्रीबायोटिक पदार्थों में लहसुन, प्याज, शतावरी, एस्पेरेगस, केल, केला और सी फूड शामिल हैं।

प्याज के फायदे
प्याज भी प्रीबायोटिक पदार्थों में शामिल है। चित्र उजागर :

आहार प्रीबायोटिक्स के लिए विभिन्न प्रकार के फल, चुने हुए, टमाटर के दाने खाने का एक अधिक सामान्य नियम है।

4 अशुद्धि और विटामिन का पर्दाफाश भोजन से होता है

न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार, विटामिन और झुर्रियों की कमी से सिस्टम प्रभावित होता है। एनिमल बताता है कि जीता, जीता हुआ, लिया हुआ एसिड, आयरन, कॉपर, विटामिन ए, विटामिन बी विटामिन 6, विटामिन सी, विटामिन डी और विटामिन ई की कमी से प्रतिरक्षा प्रणाली (प्रतिरक्षा प्रणाली) प्रभावित हो सकती है।

स्वस्थ कोशिकाओं की रक्षा के लिए जीवों और एंटीबॉडी का उत्पादन जरूरी है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों का पोषण कम होता है उनमें बैक्टीरिया, वायरल और अन्य संक्रमण के अधिक खतरे होते हैं। इसलिए इन पोषक तत्वों से भरपूर पदार्थों को खाना जरूरी है। पत्तेदार पत्तेदार, शाकाहारी, बीज, हानिकारक फल, विनष्ट आदि को शामिल करना जरूरी है।

5 एंटीवायरल और एंटी साइट गुण जरूरी है

प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने पर शरीर पर वायरस और बैक्टीरिया का प्रकोप बढ़ जाता है। शरीर कमजोर होने पर संक्रमण अधिक होता है और बीमारी भी अधिक होती है। एंटीवायरल और एंटी साइट गुण ही हमारे शरीर को मजबूत बना सकते हैं। कई तरह के हर्ब जैसे कि दालचीनी, लौंग, हल्दी आदि या हर्बल चाय शरीर में इन गुणों को बढ़ावा देते हैं।

लंबे समय तक
क्लोर्रोजन सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। चित्र: एक्सपोजर

अमेरिकी न्यूट्रिशन जर्नल के अध्ययन के अनुसार, लहसुन में एलिसिन सैटिवम कंपाउंड की एंटीवायरल और एंटीमाइक्रोबायल गुण सर्दी-जुकाम से बचाते हैं। वहीं टी ग्रीन में पाए जाने वाले टी कैटेचिन फ्लू और ठंड में बढ़ने वाले कुछ वायरस को बढ़ने से रोक सकते हैं। इससे प्रतिरक्षा गतिविधि को बढ़ावा मिलता है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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