लाहौर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। वे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख बने रहेंगे। लाहौर ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। दरअसल, तोशाखाना (राष्ट्रीय खज़ाना) मामले में फैसले के बाद आयोग ने पिछले महीने 70 वर्षीय खान को उनकी पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसने “झूठा बयान और गलत घोषणा” करने के लिए संविधान के लेखा-जोखा 63 (1) (पी) के तहत पूर्व प्रधानमंत्रियों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
इमरान खान ने आयोग के कदम के तहत बुधवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। लाहौर उच्च न्यायालय ने इमरान खान की याचिका पर सुनवाई की और उनके वकील सीनेटर अली जफर की दलीलों को सुनने के बाद चुनाव आयोग को खान को प्रमुख पद से हटाने की प्रक्रिया को शुरू करने से रोक दिया।
जस्टिस जवाद हसन ने आयोग को नोटिस जारी कर 11 जनवरी तक जवाब मांगा है। खान ने कहा है कि किसी राजनीतिक दल का कानूनी दायित्व किसी राजनीतिक दल के साथ संबंध बनने से नहीं रोका जाता है। याचिका में कहा गया है कि संविधान और अधिनियम की योग्यता और अयोग्यता के तहत चुनाव आयोग ने गलत मतलब योजना है और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की वरीयता को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को याचिकाकर्ता के नुकसान के लिए गलत तरीके से लागू किया है ।