
अरुणाचल में प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हैं सिंह।
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री सिंह ने मंगलवार को बीआरओ द्वारा निर्मित कई राष्ट्रों को समर्पित किया। इन्हीं के उल्लंघन से एलएसी तक भारतीय सेना की पहुंच और आसान हो गई है। एलएसी के पास ऐसी हिस्सेदारी का महत्व ऐसा समझा जा सकता है कि हाल ही में तवांग में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच गठजोड़ हुआ है जिससे भारतीय सेना मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर के चलते चीनियों पर हावी हो सकी है। बीआरओ ने 2022 में 2897 करोड़ रुपये की लागत वाले 103 इंफ्रास्ट्रक्चर फंड तैयार किए, जबकि 2021 में कुल 2229 करोड़ रुपये के खर्च पर 102 इंफ्रास्ट्रक्चर शेयर बनाए गए थे।
रक्षा मंत्री ने किए कई खुलासे
सीमा सड़क संगठन (सीमा सड़क संगठन) अरुणाचल प्रदेश में अलोंग-यिंकिओनग रोड पर सिओम ब्रिज में आयोजित एक समारोह में रक्षा मंत्री ने 22 पुलों, 03 सड़कों और 03 अन्य पहचान का उद्घाटन किया। इन इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग के निर्माण में बीआरओ का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी ये सभी प्रोजेक्ट रिकॉर्ड समय सीमा में पूरे कर लिए गए। इन प्रॉजेक्ट्स में से 8 ब्रोकर प्रदेश ईमेल में, 4 शॉप एड्रेस प्रदेश जम्मू-कश्मीर में, 5 अरुणाचल प्रदेश में, 3-3 सिक्किम, पंजाब और उत्तराखंड में और 2 राजस्थान में पहुंचाए गए हैं।
बीआरओ ने 2022 में 2897 करोड़ रुपये की लागत वाले 103 इंफ्रास्ट्रक्चर फंड तैयार किए।
भारत के लिए बेहद खास है सियोम का ब्रिज
इस घटना का मुख्य आकर्षण अरुणाचल प्रदेश में सियोम नदी पर अलोंग-यिंकिओनग रोड पर प्राधिकरण ‘100 मीटर लंबा, क्लास 70 स्टील आर्क सुपरस्ट्रक्चर सियोम ब्रिज’ का उद्घाटन था। यह सिग्नेचर ब्रिज हमारी सुरक्षा बलों के लिए सामरिक महत्व का है। इस पुल के बनने के बाद अपर सियांग जिले, टूटिंग और यिंकियोंग क्षेत्र के आगे की सीमा में भारतीय सैनिक, उनके साजो-सामान और हथियार काफी तेजी से पहुंच गए। इसके साथ ही इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
आर्क सुपरस्ट्रक्चर सियोम ब्रिज से भारतीय सेना को काफी मदद मिलेगी।
सैनिकों के अच्छे इलाज की भी व्यवस्था हुई है
रक्षा मंत्री अनुरेखण सिंह उसने इस क्षेत्र में 03 टेलीमेडिसिन नोड का भी उद्घाटन किया, जिनमें से एक मिजोरम में और 2 ईमेल ईमेल प्रदेश में स्थित हैं। टेलीमेडिसिन नोड SATCOM VSAT संचार का उपयोग करके सैनिकों को आपातकालीन स्थिति में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएंगे। इस तरह से देखें तो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करके अपने सैनिकों को चिकित्सा सहायता देने के मामले में यह बीआरओ की सबसे शानदार उपलब्धियों में से एक है। बीआरओ की उपलब्धियों की रक्षा मंत्री सिंह ने भी जोरदार आकांक्षा की।
इन्हीं कारणों से एलएसी तक भारतीय सेना की पहुंच आसान हो गई है।
अनुक्रमण में चीन पर ध्यानाकर्षण
पिछले महीने तवांग सेक्टर में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच झड़पों के बाद पहली बार अरुणाचल प्रदेश के सियांग पहुंचे ने ड्रैगन पर इशारों-आशारों में निशाना साधा। अनुक्रमण ने कहा कि भारत किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। वहीं, बीआरओ की अपेक्षा करते हुए घोषणा ने कहा कि वह पहले ‘ब्रो’ और ‘ओबीआर’ में कन्फ्यूज हो जाते थे, लेकिन यह संगठन जिस तरह से काम कर रहा है, उसे देखने के बाद में कह सकता हूं कि ये लोग वास्तव में हमारे सशस्त्र सेना और लोगों के भाई हैं।
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