
मप्र राजनीति: नए साल का आगाज होते ही मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) की गिनती शुरू हो गई है. चुनावी संग्राम में जोर आजिश करने वाले दोनों ही प्रमुख दल बीजेपी (भाजपा) और कांग्रेस (कांग्रेस) ने अपना-अपना दावा पेश करना शुरू कर दिया है। बीजेपी ने 200 पार का नारा दिया है, वहीं कांग्रेस ने 150 पार का नारा दिया है।
कांग्रेस ने कमलनाथ (कमलनाथ) का चेहरा आगे कर साफ कर दिया है कि पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव पूर्व के नेतृत्व में लड़ाई लड़ी है। कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि कांग्रेस 230 विधानसभा क्षेत्रों से 150 सीटों पर जीत हासिल करती है। विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस ने लदान सौ पार का नारा दिया है। बीजेपी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए अबकी बार 200 पार का नारा दे दिया है।
दोनों ही राजनीतिक दलों ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीजेपी की ओर से विधानसभा चुनाव का नेतृत्व नए सदस्य शिवराज सिंह चौहान ही संभाल रहे हैं। कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) का चेहरा भी बड़ा उलट जाएगा.
बीजेपी और कांग्रेस में लगी घोषणाओं की होड़
मध्य प्रदेश में चुनावी घोषणाओं की झड़ी लग गई है। कांग्रेस और भाजपा सम्बन्धों को रिझाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा है। शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र और सरकार की सभी योजनाओं का लाभ उठाने वाले 86 लाख लोगों को प्रमाण पत्र देने की योजना बनाई है, वहीं कांग्रेस भी चुनावी मैदान में वापसी को तैयार नहीं है।
पूर्व कमलनाथ लगातार सोशल मीडिया पर लोग कई पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने किसानों के ऋणों को माफ करने के साथ-साथ अंकों की पेंशन ₹1000 प्रतिमाह करने, भटकों को रोजगार के अवसरों के रूप में चयनित किया, सौ रुपए में 100 यूनिट बिजली, पुरानी पेंशन लागू करने जैसी कई घोषणाएं कर दी हैं।
मध्य प्रदेश के कोषाध्यक्ष अनिल जैन का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में जनकल्याणकारी योजनाओं की वजह से पार्टी की लोकप्रियता मिलती है। इसके अलावा बीजेपी के अन्य राजनीतिक दल काफी मजबूत हैं। बीजेपी ने स्टैंड पर दस्तावेज के जरिए लोगों में गहरी पकड़ बनाई है. बीजेपी संगठन के पास पन्ना प्रमुख से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक मजबूत कार्यकर्ता और नेता विधानसभा चुनाव में जीत का कारण बनेंगे। इसलिए 200 पार का नारा दिया गया है।
बीजेपी सरकार का 18 साल बनाम कांग्रेस
दूसरे पक्ष के कांग्रेसी विधायक सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि बीजेपी सरकार के अट्ठारह साल पर कांग्रेस सरकार का सवा साल का कार्यकाल भारी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जनता ने शिवराज सिंह चौहान को विधानसभा चुनाव 2018 में नकार दिया था। कमल सरकारनाथ की जनता ने स्वर्णिम काल देखा है। इस बार कांग्रेस के साथ जनता भी चुनाव लड़ेगी और जीत जनता की अर्थात कांग्रेस की ही होगी। वर्मा ने पूर्व कमलनाथ को कम बोलने वाला और काम करने वाला बताया और कहा कि लाभ कांग्रेस को मिलेगा।
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